आम्रपाली मामले की सुनवाई के दौरान Supreme Court ने होम बॉयर्स को बड़ी राहत दी है। Supreme Court ने बैंकों को निर्देश दिया है कि वह बॉयर्स के होम लोन के बैलेंस को रिलीज करे ताकि आम्रपाली के रुके हुए प्रोजेक्ट का काम हो सके। बैंकों ने बॉयर्स के होम लोन को एनपीए में डाल रखा है। Supreme Court ने कहा है कि जिन होम लोन को एनपीए में भी डाला गया है उसे फिर से री स्ट्रक्चर्ड करे और लोन की किश्त RBI के गाइडलाइंस के तहत जारी करे।
Supreme Court के जस्टिस अरुण मिश्रा और जस्टिस यूयू ललित की अगुवाई वाली बेंच ने आम्रपाली के रुके हुए प्रोजेक्ट के मौजूदा परिस्थितियों के मद्देनजर आदेश पारित किया है। बेंच ने कहा कि अगली सुनवाई 17 जून को होगी। Supreme Court के आदेश के बाद बैंकों को होम लोन को री स्ट्रक्चर करना होगा।
Supreme Court ने अपने फैसले में कहा कि नोएडा और ग्रेटर नोएडा के घर जिन लोगों खरीदा उनकी स्थिति वैसी की वैसी है। Amrapali के प्रोजेक्ट में कोई प्रगति नहीं हुई है। अदालत ने Amrapali बॉयर्स को बड़ी राहत दी है। बैंक और वित्तीय संस्थानों से Supreme Court ने कहा है कि वह होम बॉयर्स के लोन का पुनर्गठन करे और जो बचा हुआ लोन अमाउंट है उसे रिलीज किया जाए। इन पैसों का इस्तेमाल Amrapali प्रोजेक्ट के अधूरे काम को पूरा करने में किया जाएगा। Amrapali प्रोजेक्ट के काम रुकने के बाद बैंकों ने होम बॉयर्स के बचे हुए किश्त रिलीज पर रोक लगा दी थी। Supreme Court ने बैंकों और वित्तीय संस्थानों से कहा है कि उन्होंने जिन लोन को एनपीए में डाल दिया है उसे भी आरबीआई के गाइडलाइंस के तहत रिलीज किया जाए।
Supreme Court ने Amrapali बिल्डर को भी राहत दी है और कहा है कि नोएडा अथॉरिटी और ग्रेटर नोएडा अथॉरिटी अपने बकाया पर भारी ब्याज नहीं ले सकते। अदालत ने कहा कि जो किश्त अदायगी में देरी हुई है उसके ब्याज के तौर पर 8 फीसदी से ज्यादा रकम न लिया जाए।
गौरतलब है कि 2 दिसंबर 2019 को दिए अपने आदेश में Supreme Court ने फ्लैट बॉयर्स को कहा था कि वह अपनी बकाया राशि 31 जनवरी तक जमा कराए। Supreme Court ने कहा है कि बकाया राशि फ्लैट बायर्स एक बार में जमा करे या किश्तों में भुगतान करे ताकि रुके हुए प्रोजेक्ट का काम तेजी से पूरा हो सके। Supreme Court ने कहा था कि फंड को चैनेलाइज्ड करने की जरूरत है ताकि पेंडिंग प्रोजेक्ट को पूरा किया जा सके। Supreme Court ने कहा था कि 3 हजार करोड़ बकाये में से 105 करोड़ रुपये बॉयर्स के आए हैं। पिछले साल 23 जुलाई को दिए आदेश में Supreme Court ने Amrapali ग्रुप का रजिस्ट्रेशन कैंसल कर दिया था और कहा था कि Amrapali के पेंडिंग प्रोजेक्ट सरकारी कंपनी एनबीसीसी पूरा करेगी। Supreme Court ने आम्रपाली का लीज भी कैंसल कर दियाथा Supreme Court ने एक कोर्ट रिसिवर नियुक्त कर दिया था जो ट्राई पार्टी एग्रीमेंट करेंगे और बॉयर्स को फ्लैट का पोजेशन मिले ये सुनिश्चित करेंगे। कोर्ट ने कहा था कि होम बॉयर्स अपनी बकाया राशि Supreme Court स्थित यूको बैंक में जमा करे।