महिलाओं को आरक्षण का वादा निभाने में विफल रहे सभी दल

महाराष्ट्र के मराठवाड़ा क्षेत्र की 46 विधानसभा सीटों के लिए 21 अक्टूबर को होने वाले चुनाव के वास्ते कुल 676 उम्मीदवारों में से केवल 30 महिला प्रत्याशी चुनाव मैदान में है जिससे साफ पता चलता है कि एक बार फिर सभी राजनीतिक दलों ने महिलाओं को 33 प्रतिशत आरक्षण देने के वादे को नहीं निभाया है। आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार मराठवाड़ा इलाके के आठ जिलों के सभी 46 निर्वाचन क्षेत्रों में कुल मिलाकर 30 महिला उम्मीदवार अपना किस्मत आजमा रही हैं। जिनमें मान्यता प्राप्त दलों की आठ उम्मीदवार भी शामिल हैं। बाकी उम्मीदवार क्षेत्रीय दलों या फिर निर्दलीय अपनी किस्मत आजमा रहे हैं।

राजनीतिक दलों में सबसे अधिक दरियादिली भारतीय जनता पार्टी ने दिखाई है। उसने अपना उम्मीदवार बिना बदले कुल तीन उम्मीदवार उतारे जो ऊंट के मुंह में जीरे के समान है। क्योंकि यह संख्या भी दस फीसदी से भी कम है। औरंगाबाद, जालना और बीड जिलों में छह-छह, नांदेड़ में पांच, परभणी में चार, लातूर में दो और उस्मानाबाद में एक महिला उम्मीदवार चुनाव लड़ रहीं हैं। जबकि हिंगोली जिले से चुनाव लड़ने वाली कोई महिला उम्मीदवार नहीं हैं।

महिला उम्मीदवारों में परली निर्वाचन क्षेत्र से राज्य की मंत्री पंकजा मुंडे (भाजपा) और कैज (सु) निर्वाचन क्षेत्र से नवीता मुंडाडा (भाजपा), दोनों क्षेत्र बीड जिले से हैं। जबकि मेघना बोरदीकर (भाजपा) परभनी जिले के जिंटुर निर्वाचन क्षेत्र से खड़ी हैं। इनके अलावा राजशरा पाटिल (शिवसेना) नांदेड़-दक्षिण निर्वाचन क्षेत्र से, सावित्री कांबले (बहुजन समाज पार्टी) देगलुर निर्वाचन क्षेत्र से, रुक्मिणी गीते (जनता दल-एस) लोहा निर्वाचन क्षेत्र से, सभी नांदेड़ जिले में है, अयोध्या केंद्रे (वंचित बहुजन अगाडी) लातूर जिले के अहमदपुर से और सरिथा कंडारे (भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी) जालना जिले के भागुर निर्वाचन क्षेत्र से अपना किस्मत आजमा रहीं हैं। दो प्रमुख राजनीतिक दल कांग्रेस और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी इस क्षेत्र में किसी भी महिला उम्मीदवार को मैदान में उतारने में विफल रहीं हैं।

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