फांसी टालने को तलाक का नया पैतरा

दिल्ली के चर्चित Nirbhaya Case के दोषी बिहार के लहंग कर्मा गांव के रहनेवाले Akshay Thakur की पत्नी ने औरंगाबाद परिवार न्यायालय के प्रधान न्यायाधीश रामलाल शर्मा के न्यायालय में तलाक की अर्जी दी है और कहा है कि मैं उसकी विधवा के रूप में अपना जीवन नहीं जी सकती।

अक्षय की पत्नी पुनीता ने कोर्ट में दी गई अपनी अर्जी में कहा है कि उनके पति को Nirbhaya के दुष्कर्म के मामले में दोषी ठहराया गया है और उन्हें कोर्ट के फैसले के बाद अब फांसी दी जानी है। Akshay Thakur की पत्नी का कहना है कि मेरे पति निर्दोष हैं, ऐसे में मैं उनकी विधवा बन कर नहीं रहना चाहती। इसलिए उसे अपने पति से तलाक चाहिए।

इस मामले में 19 मार्च को सुनवाई की तिथि तय की गयी है और फिर बीस मार्च को सभी आरोपियों को फांसी दी जानी है।

वहीं, Akshay Thakur की पत्नी के अधिवक्ता मुकेश कुमार सिंह ने बताया कि पीड़ित महिला को विधिक अधिकार है कि वह हिंदू विवाह अधिनियम के तहत कुछ खास मामलों में वो तलाक का अधिकार पा सकती है। इसमें दुष्कर्म का मामला भी शामिल है।

कानून के अनुसार अगर दुष्कर्म के मामले में किसी महिला के पति को दोषी ठहरा दिया जाता है, तो वह तलाक के लिए अर्जी दे सकती है। Nirbhaya Case में जिन चार आरोपितों को फांसी की सजा सुनायी गयी है, उनमें लहंग कर्मा का अक्षय ठाकुर भी शामिल है।

गौरतलब है कि Nirbhaya के 4 दोषियों में से 3 Akshay Thakur , पवन गुप्ता, और विनय शर्मा ने अब अंतरराष्ट्रीय अदालत ICJ का दरवाजा खटखटाया है और इस मामले में दोषियों के वकील एपी सिंह ने सोमवार को अंतरराष्ट्रीय अदालत को पत्र लिखा है। पत्र में 20 मार्च की होने वाली फांसी पर रोक लगाने की भी मांग की गई है। साथ ही मांग की है कि निचली अदालत के सभी रिकॉर्ड अदालत अपने पास मंगाए ताकि वो अपना पक्ष अंतरराष्ट्रीय अदालत में रख सकें।

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