अचानक हो रही मौतों का कोरोना से लिंक मुमकिन, एम्स के प्रोफेसर ने चेताया- नजरअंदाज करना पड़ सकता है भारी

35 साल का एक शख्स गरबा डांस करते हुए अचानक गिर गया और उसकी मौत हो गई। 20 साल की दुल्हन शादी में दूल्हे को जयमाला पहनाते हुए अचानक स्टेज पर गिर गई और कुछ ही पल में उसकी जान चली गई। इसी तरह दोस्तों के साथ टहल रहा एक युवक अचानक गिर जाता है और उसकी भी मौत हो जाती है। इन सभी की मौत की वजह हार्ट अटैक या कार्डियक अटैक है। इस तरह की घटनाओं के कई वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुए, जिन्हें देखकर देशभर में डर का माहौल बन गया। लोगों के मन में सवाल आने लगा कि क्या इन घटनाओं के पीछे कोरोना वायरस के प्रभाव तो नहीं है? अब अचानक हो रही इस तरह की घटनाओं पर हार्ट स्पेशलिस्ट एक्सपर्ट्स भी चिंता जता रहे हैं।

अचानक हो रही मौतों का हो सकता है कोरोना से संबंध
एम्स में कार्डियोलॉजी के प्रोफेसर डॉ राकेश यादव ने कहा, ‘अचानक कार्डियक मौत की घटनाओं को लेकर फिलहाल कोई डेटा उपलब्ध नहीं है। लेकिन सामने आ रही घटनाओं को देखकर ऐसा हो सकता है कि इसका कोरोना महामारी से संबंध हो।’यादव और उनके सहयोगियों का साल 2020 में इंडियन हार्ट जर्नल (आईएचजे) में एक लेख छपा था। इसमें उन्होंने उन कारकों का जिक्र किया था, जिनकी वजह से कोविड किसी व्यक्ति की जान ले सकता है। इनमें अनियमित हृदय गति और कमजोर हृदय मसल्स शामिल थीं।

‘हार्ट संबंधी बीमारियों के लक्षणों को न करें नजरअंदाज’
एम्स के प्रोफेसर ने बताया कि समय साथ संक्रमण के इतिहास और दिल से संबंधित बीमारियों के बढ़ते जोखिम के बीच एक लिंक का समर्थन करने वाले सबूत बढ़े हैं। उन्होंने कहा, “मेरा सीधा सा सुझाव है कि लोगों को अपनी उम्र या फिटनेस की परवाह किए बिना हृदय संबंधी लक्षणों को नजरअंदाज नहीं करना चाहिए। स्वास्थ्य आपदा के जोखिम को कम करने के लिए समय-समय पर स्वास्थ्य जांच कराने की भी सलाह दी जाती है।”

‘ऐसे घटनाओं में पोस्टमार्टम होना जरूरी’
एम्स में फोरेंसिक मेडिसिन और टॉक्सिकोलॉजी के प्रोफेसर और प्रमुख डॉ. सुधीर गुप्ता के अनुसार, ‘हृदय रोग या अन्य जोखिम कारकों वाले युवाओं में अचानक हृदय संबंधी मौतों का पोस्टमार्टम किया जाना चाहिए। इससे मौतों की वजह पता लगाई जा सकती है और उसे जानने में मदद भी मिलेगी।’ इसके अलावा, अगर मौत किसी अनजान हार्ट बीमारी की वजह से हुई है, तो परिवार से बीमारी का पता लगाने के लिए स्क्रीनिंग करने के लिए कहा जा सकता है। कई बार इससे भी बीमारी का पता लगाया जा सकता है।

क्या है हार्ट अटैक और कार्डियक अरेस्ट?
डॉक्टर दिल के दौरे या कार्डियक अरेस्ट के चेतावनी और लक्षणों के बारे में लोगों में जागरूकता बढ़ाने की आवश्यकता पर भी जोर देते हैं। साथ ही ये भी बताते हैं कि ऐसी स्थिति से कैसे निपटा जाए। दरअसल हार्ट अटैक तब होता है जब हार्ट में ब्लड सर्कुलेशन रुक जाता या धीमा हो जाता है। यानी हार्ट अटैक एक सर्कुलेशन समस्या है। दूसरी ओर अमेरिकन हार्ट एसोसिएशन (एएचए) के अनुसार अचानक कार्डियक अरेस्ट एक इलेक्ट्रिकल समस्या है। एएचए का कहना है, “अचानक कार्डियक अरेस्ट तब होता है जब दिल अचानक धड़कना बंद हो जाता है। अस्पताल के बाहर कार्डियक अरेस्ट वाले 10 में से नौ लोगों की मौत अक्सर कुछ मिनटों में ही हो जाती है।

हार्ट अटैक के बाद हो सकता है कार्डियक अरेस्ट
एम्स में कार्डियोलॉजी के एक अन्य प्रोफेसर डॉ अंबुज रॉय के अनुसार, दिल का दौरा पड़ने के बाद अचानक कार्डियक अरेस्ट हो सकता है। उन्होंने कहा, ‘जब तक कोई हेल्थ मदद नहीं मिल जाती तब तक अगर सीपीआर (कार्डियो-पल्मोनरी रिससिटेशन) या यहां तक कि छाती पर प्रेश किया जाए तो मरीज के बचने की संभावना ज्यादा होती है।’ जी बी पंत अस्पताल में कार्डियोलॉजी के प्रोफेसर डॉ. मोहित गुप्ता के अनुसार, कोरोनरी आर्टरी ब्लॉकेज के 10 साल पहले होने के कारण भारतीय पहले से ही बड़े जोखिम में हैं। उन्होंने कहा, ‘हाई ब्लडप्रेशर, ,डायबिटीज, मोटापा और धूम्रपान करने वाले लोगों को कार्डियक अरेस्ट का जोखिम ज्यादा होता है। ऐसे लोगों की नियमित निगरानी से हार्ट संबंधी बीमारियों से बचा जा सकता है।

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