दुनिया के सबसे अमीर भारतीय गौतम अडानी के समूह ने वित्तीय शोध कंपनी हिंडनबर्ग रिसर्च द्वारा लगाए गए गंभीर आरोपों को भारत, उसकी संस्थाओं और विकास की गाथा पर सुनियोजित हमला बताते हुए रविवार को कहा कि आरोप झूठ के सिवाए कुछ नहीं हैं. 413 पन्नों के जवाब में अदानी समूह ने कहा कि रिपोर्ट झूठा बाजार बनाने के एक छिपे हुए मकसद से प्रेरित थी, ताकि अमेरिकी फर्म को इसका लाभ मिल सके.
समूह ने कहा कि यह केवलकिसी विशिष्ट कंपनी पर एक अनुचित हमला नहीं है, बल्कि भारत, भारतीय संस्थानों की स्वतंत्रता, अखंडता और गुणवत्ता और भारत की विकास की कहानी और महत्वाकांक्षा पर एक सुनियोजित हमला है.
अडाणी ग्रुप के शेयर्स 85% ओवरवैल्यूड-हिंडनबर्ग
बता दें अमेरिका के हिंडेनबर्ग रिसर्च एलएलसी ने 25 जनवरी को अपनी रिपोर्ट में बताया था अडाणी ग्रुप की सभी प्रमुख लिस्टेड कंपनियों पर काफी ज्यादा कर्ज है.इसके साथ ही हिंडनबर्ग ने ग्रुप की सभी कंपनियों के शेयरों को 85% से ज्यादा ओवरवैल्यूड भी बताया था.
गौतम अडाणी की नेटवर्थ 10% कम हुई
रिपोर्ट के कारण गौतम अडाणी की नेटवर्थ में 2 दिन में लगभग 10% नेटवर्थ भी कम हो गई है. फोर्ब्स के एक रिपोर्ट के अनुसार अडाणी को नेटवर्थ में 1.32 लाख करोड़ रुपए का नुकसान हुआ है. जिसके चलते अमीरों की लिस्ट में अडाणी चौथे नंबर से खिसकर 7वें पर आ गए हैं.25 जनवरी को उनकी नेटवर्थ 9.20 लाख करोड़ थी, जो शुक्रवार को 7.88 लाख करोड़ रुपए पर आ गई है.
हिंडेनबर्ग की रिपोर्ट पर अडाणी ग्रुप का जवाब
बता दें, शुक्रवार को अडाणी ग्रुप ने हिंडेनबर्ग रिसर्च की रिपोर्ट को बोगस बताते हुए कहा था इस रिपोर्ट का कोई तथ्यात्मक आधार नहीं है. यह जानकारी अडानी एग्जेक्यूटिव्स के कांफ्रेंस कॉल में हिस्सा लेने वाले बॉन्डहोल्डर्स ने दी है.