1971 के युद्ध में पाकिस्तान पर भारत के विजय की 50वीं वर्षगांठ के आयोजन की शुरुआत पर प्रधानमंत्री Narendra Modi आज नेशनल वार मेमोरियल पहुंच गए हैं। प्रधानमंत्री Narendra Modi ने 1971 के भारत-पाकिस्तान युद्ध की 50 वीं वर्षगांठ पर नेशनल वॉर मेमोरियल पहुंचकर शहीद जवानों को श्रद्धांजलि अर्पित की। PM मोदी यहां अमर जवान ज्योति से ‘स्वर्णिम विजय मशाल’ को प्रज्जवलित करेंगे। रक्षा मंत्रालय के एक बयान के मुताबिक, अमर जवान ज्योति से 4 विजय मशाल प्रज्वलित की जाएंगी, जिन्हें देश के विभिन्न हिस्सों में ले जाया जाएगा।
इससे पहले रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने 1971 के भारत-पाकिस्तान युद्ध की 50 वीं वर्षगांठ पर ‘स्वर्णिम विजय वर्षा’ के लिए लोगो का अनावरण किया।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 1971 के भारत-पाकिस्तान युद्ध की 50वीं वर्षगांठ के अवसर पर राष्ट्रीय युद्ध स्मारक पर ‘स्वर्णिम विजय मशाल’ को प्रज्जवलित करेंगे। इस मौके पर वह शहीदों को श्रद्धांजलि देंगे और स्वर्णिम विजय यात्रा को रवाना करेंगे। इस मौके पर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, सीडीएस बिपिन रावत और तीनों सेनाओं के प्रमुख भी मौजूद रहेंगे।
ये मशाल 1971 के युद्ध के लिए वीर चक्र तथा महावीर चक्र विजेताओं के गांवों में भी जाएंगी। इन पदक विजेता वीरों के गांवों तथा जहां अहम लड़ाई लड़ी गई, उन जगहों की मिट्टी नेशनल वार मेमोरियल लाई जाएगी।1971 के युद्ध में पाकिस्तान पर विजय हासिल किए जाने की याद में भारत 16 दिसंबर को विजय दिवस के रूप में मनाता है। इसी विजय से बांग्लादेश का निर्माण हुआ था।
जानें इसे क्यों कहा जाता है ‘विजय दिवस’
16 दिसंबर, 1971 को देश की पश्चिमी सीमा पर बसंतर नदी के किनारे खुले मोर्चे पर भारतीय सेना ने पाकिस्तानी सेना को हरा दिया था। इसलिए भारतीय सेना 16 दिसम्बर को ‘विजय दिवस’ मनाती है। पाकिस्तान ने इस युद्ध में 93 हजार सैनिकों के साथ सरेंडर किया था।
कहां-कहां से होकर गुजरेगी यात्रा ?
विजय यात्रा दिल्ली से चलकर मथुरा होते हुए भरतपुर, अलवर, हिसार, जयपुर, कोटा, आदि सैन्य छावनी क्षेत्रों और उनके दायरे में आने वाले शहरों का भ्रमण करती हुई वापस दिल्ली पहुंचेगी। यात्रा की अवधि एक साल की होगी। यात्रा बांग्लादेश की राजधानी ढाका भी जाएगी।