इस मौसम में भारी बारिश ने देशभर में तबाही ला दी है। मूसलाधार बारिश से कई सारे राज्यों के जनजीवन प्रभावित हो रहे हैं। इसी तरह राजस्थान के चित्तौड़गढ़ में बारिश के पानी की वजह से एक स्कूल में 350 बच्चे और 50 टीचर फंस गए हैं।
राणा प्रताप डैम से पानी छोड़े जाने के बाद नदियों में पानी का उफान है। सड़कों पर भी पानी जमा हो गए हैं। जिसकी वजह से 350 बच्चे स्कूलों में कैद होकर रह गए हैं। इस मुश्किल वक्त में बस यही राहत की बात है कि स्थानीय लोग बच्चों और शिक्षकों की भरपूर मदद कर रहे हैं। उन्हें खाना-पानी जैसे बुनियादी चीजें ले जाकर दे पा रहे हैं।
राणा प्रताप डैम से भारी मात्रा में निकले पानी की वजह से सड़कों पर सैलाब जैसे हालात बन गए हैं। स्कूल में फंसे बच्चों और शिक्षकों को स्थानीय लोग तत्काल सहायता और खाने-पीने का सामान पहुंचा रहे हैं। वहीं कोटा बैराज से लाखों क्यूसेक पानी छोड़े जाने से श्योपुर की चंबल नदी में भी उफान आ गया है। यही वजह है कि चंबल के बढ़े जल स्तर से आसपास के कई गांवों में बाढ़ के हालात पैदा हो गए हैं। इतना ही नहीं इस बाढ़ की वजह से श्योपुर को जयपुर और सवाई माधोपुर को जोड़ने वाला स्टेट हाईवे भी डूब गया है।
कोटा बैराज से 61 हजार क्यूसेक पानी छोड़ा गया है। बताया जा रहा है कि 13 साल बाद बैराज के सभी 19 गेट खोल दिए गए हैं। जिससे निचले इलाकों में पानी का भरी जमाव हो गया है। राजस्थान के चित्तौड़गढ़ और प्रतापगढ़ में भी हालात तेजी से बिगड़ रहे हैं। सभी छोटी-नदियां किनारा तोड़कर फैलती जा रही हैं। नदी के उफान में कोटा-दौसा मेगा हाईवे भी दरिया बन गया है। जिसके बंद होने से दर्जनों गांवों का संपर्क कोटा टूट गया है।