जम्मू कश्मीर में अनुच्छेद 370 के निरस्तीकरण की दूसरी वर्षगांठ

जम्मू-कश्मीर में विगत कुछ दशकों से जिस तरह के हालात बने हुए थे, उसे देखते हुए नरेन्द्र मोदी सरकार ने 5 अगस्त 2019 को अनुच्छेद 370 के निरस्तीकरण का जो अभूतपूर्व फैसला लिया, वह देश की एकता एवं अखंडता के लिए बड़ा ज़रूरी था। अनुच्छेद 370 की निरस्तीकरण का यह दूसरी वर्षगांठ है। इस समय केंद्र सरकार का पूरा ध्यान जम्मू-कश्मीर में उत्पीड़ित वर्ग के विकास और उनके लाभ की ओर है। क्षेत्र में सकारात्मक बदलाव द्रुतगति पर है। आज कश्मीर में बच्चों के हाथों में बंदूक की जगह क्रिकेट बैट है।

कश्मीर में अब युवाओं के रोल माडल बदल रहे हैं। यही वजह है कि डाक्टर, इंजीनियर एवं सिविल सर्विसेज में युवाओं की तादाद में बढ़ोतरी हुई है। वहां के युवाओं में अपने लोगों के लिए कुछ करने की तमन्ना है। वे सरकार की योजनाओं का लाभ उठाते हुए समाज को कुछ देने की कूवत हासिल कर रहे हैं। सरकार की अबतक 54 में से 28 परियोजनाएं पूरी हो चुकी हैं, क्योंकि जम्मू-कश्मीर में विकास और बुनियादी ढांचा सरकार की सबसे बड़ी प्राथमिकता है। स्थानीय महिलाओं को सशक्त बनाने के लिए कश्मीर में सरकार का अथक प्रयास जारी है।

इसी का एक जीता जागता उदाहरण पूजा देवी हैं। जिन्होंने जम्मू-कठुआ रोड पर बस चलाकर पहली महिला ड्राइवर का खिताब हासिल किया। प्रधानमंत्री कौशल योजना ने महिलाओं के विकास में एक नया आयाम रचा। इस योजना का लाभ उठाते हुए वहां की महिलाएं स्वरोजगार के माध्यम से सशक्त बन रही हैं। सेना भी रचनात्मक कार्यों में सरकार की मदद कर रही है। सेना अपने वर्कशाॅप के माध्यम से महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने में लगी हुई है। महिलाएं सिलाई, कढ़ाई और बुनाई के काम में महारत रखती हैं, उसी को ध्यान में रखते हुए सेना उन्हें तकनीकी जानकारी दे रही है। जिससे उन्हें अपने काम को बढ़ाने और आत्मनिर्भर बनने में मद्द मिल सके। महिलाओं को लघु उद्योग के लिए सिलाई मशीने दी गई। सरकार का यह मानना है कि ऐसे प्रयास सेना और आवाम के बीच रिश्तों को सुधारने के साथ ही कश्मीरी महिलाओं के बेहत्तर भविष्य के लिए ज्यादा उपयोगी साबित होगा। जम्मू-कश्मीर में सरकार ने पंचायतों को अधिकार दिया और उन्हें बजट मुहैया कराया। पंचायतों को सुदृढ़ करते हुए प्रशासन के 21 विषयों को पंचायतों को दे दिया। सरकार ने करीब 1500 करोड़ रुपये सीधे बैंक खातों में डालकर जम्मू-कश्मीर के गांवों के विकास का रास्ता प्रशस्त किया। सरकार ने 50,000 परिवारों को स्वास्थ्य बीमा के तहत कवर किया और 10,000 युवाओं को रोजगार योजना से जोड़ा। सरकार ने 2024 तक हर घर में नल के जरिये पानी पहुंचाने का लक्ष्य रखा है। इसका एलान सरकार ने अपने बजट में भी किया है।

सरकार ने सभी को पानी की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए इस काम को मिशन के तौर पर लेने का फैसला किया है। आईआईटी जम्मू ने अपने परिसर में शिक्षण का कार्य शुरु कर दिया है। एम्स के निर्माण कार्य का शुभारंभ भी हो चुका है। 8.45 किमी बनिहाल सुरंग बन कर तैयार है। 2022 तक कश्मीर घाटी को रेलवे से जोड़ने की योजना है। जम्मू-कश्मीर की जमीन पर अब औद्योगिक विकास की लकीर उभरने लगी है। जम्मू-कश्मीर में रियल एस्टेट के लिहाज से बड़ी संभावनाएं हैं, यहां पर्यटन, फिल्म पर्यटन, बागवानी, फसल प्रबंधन, कृषि, फूड प्रोसेसिंग, रेशम, स्वास्थ्य, फार्मास्यूटिकल्स, उत्पादन, आइटी, ऊर्जा, बुनियादी ढांचा, रियल एस्टेट, हथकरघा, हस्तकला व शिक्षा के क्षेत्रों में निवेश की एक नयी उम्मीद जगी है। सरकार ने यहां जो निवेश लायक माहौल बनाया है, उससे यह लगता है कि भविष्य में जम्मू-कश्मीर औद्योगिक क्रांति की मिसाल बनेगा।

मोदी सरकार के कार्यो में पारदर्शिता होने चलते सरकार के प्रदर्शन, विभिन्न कार्यों पर किये जाने वाले खर्च और सरकार की गतिविधियों के बारे में जानकारी प्राप्त होती है, जो प्रशासन में जवाबदेही को सुनिश्चित करती है तथा अनैतिक गतिविधियों, जैसे- भ्रष्टाचार पर अकुंश लगती है। पारदर्शिता और जवाबदेही किसी भी जन-हितैषी सरकार के दो आधार-स्तम्भ हैं। पारदर्शिता और जवाबदेही न केवल लोगों को और करीब लाकर सरकार से जोड़ती है, बल्कि निर्णय लेने की प्रक्रिया में उन्हें समान रूप से अहम भागीदार भी बनाती है।

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