अंग्रेजी कैलेंडर के लिहाज से मेवाड़ को छोड़कर देश के अन्य हिस्सों में महाराणा प्रताप की जयंती रविवार को मनाई जा रही है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, प्रदेश के CM अशोक गहलोत, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ सहित देश के कई राजनेताओं ने वीर योद्धा और देश के पहले स्वतंत्रता सेनानी को नमन किया है। इसके विपरीत मेवाड़ Maharana Pratap हिंदू पंचांग के अनुसार, अगले महीने ज्येष्ठ शुक्ल तृतीया यानी 16 जून को मनाएगा Maharana Pratap Jayanti के वंशज और मेवाड़ के पूर्व राजघराने में भी उनकी जन्मतिथि सोलह जून को ही मनाई जाएगी।
Maharana Pratap Jayanti को लेकर अंग्रेजी कैलेंडर और भारतीय पंचांग के अनुसार, तिथि पर एकराय नहीं हैं…पंचांग के अनुसार, राणा प्रताप का जन्म विक्रम संवत 1597 की ज्येष्ठ शुक्ल तृतीया को कुंभलगढ़ दुर्ग में हुआ था। अंग्रेजी वर्ष के मुताबि,क यह दिन नौ मई 1540 था। ऐसे में नौ मई को कई जगह प्रताप जयंती मनाई जाती है। जबकि मेवाड़ में हिंदू पंचांग के अनुसार ही प्रताप जयंती मनाई जाती है। राजस्थान सरकार भी हर साल ज्येष्ठ शुक्ल तृतीया पर ही प्रताप जयंती का अवकाश घोषित करती आ रही है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्विटर के जरिए संदेश देते हुए Maharana Pratap को नमन किया है। उन्होंने लिखा कि भारत माता के महान सपूत महाराणा प्रताप को उनकी जयंती पर कोटि-कोटि नमन। देशप्रेम, स्वाभिमान और पराक्रम से भरी उनकी गाथा देशवासियों के लिए सदैव प्रेरणास्रोत बनी रहेगी।
इधर, मेवाड़ राजघराने के सदस्य लक्ष्यराज सिंह मेवाड़ ने ट्वीट किया है कि Maharana Pratap Jayanti हिंगू पंचांग के अनुसार, ज्येष्ठ शुक्ल तृतीया को ही मनाई जाएगी। मेवाड़ में भी प्रताप की जयंती हिंदू पंचांग के अनुसार ही मनाई जाएगी। Maharana Pratap का जन्म तत्कालीन मेवाड़ राज्य और राजसमंद जिले के कुंभलगढ़ में हुआ था। महाराणा उदय सिंह द्वितीय और महारानी जयवंता बाई के सबसे बड़े बेटे महाराणा प्रताप कुशल योद्धा के साथ युद्ध रणनीति में दक्ष थे। उन्होंने मेवाड़ की मुगलों से हर बार रक्षा ही नहीं की बल्कि उन्होंने मेवाड़ से खदेड़ दिया। विपरीत परिस्थितियां के बाजवूद उन्होंने कभी हार नहीं मानी।