बारिश-भूस्खलन से 129 की मौत, IMD ने जारी किया अलर्ट

महाराष्ट्र (Maharashtra) में पिछले 2 दिनों में भारी बारिश के कहर के बीच राहत और बचाव का काम तेजी से जारी है। बारिश से बने हालात और भूस्खलन (Landslide) की वजह से अभी तक राज्य में 129 लोगों की मौत हो गई। इस बीच पुणे (Pune) मंडल में 84,452 लोगों को शुक्रवार को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है. महाराष्ट्र के पुणे मंडल में भारी बारिश और नदियों के उफान पर होने के चलते 84,452 लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है.

जिन लोगों को सुरक्षित स्थानों पर ले जाया गया उनमें 40 हजार से ज्यादा कोल्हापुर जिले से हैं. अधिकारियों के मुताबिक कोल्हापुर शहर के पास पंचगंगा नदी साल 2019 में आई बाढ़ के स्तर से भी ऊपर बह रही है. पुणे और कोल्हापुर के साथ ही मंडल में सांगली और सतारा जिले भी आते हैं. सतारा भारी बारिश और भूस्खलन की घटनाओं से बुरी तरह प्रभावित हुआ है.

राज्य आपदा प्रबंधन विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी के मुताबिक मृतकों में से 38 लोगों की मौत तटीय रायगढ़ जिले में भूस्खलन होने से हुई. इस बीच, देश के मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने शुक्रवार शाम सतारा जिले के लिए नया रेड अलर्ट जारी कर अगले 24 घंटे में जिले के पर्वतीय घाट इलाके में भारी बारिश होने का पूर्वानुमान व्यक्त किया है, जहां भूस्ख्लन के बाद करीब 30 लोग लापता हैं.

पुलिस ने बताया कि शुक्रवार सुबह कोल्हापुर जिले में एक बस के एक नदी में बहने से ठीक पहले उस पर सवार आठ नेपाली श्रमिकों समेत 11 लोगों को बचा लिया गया.

राज्य में लोगों को बारिश से कोई राहत मिलती नहीं नजर आ रही है क्योंकि भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने छह जिलों के लिए रेड अलर्ट जारी किया है, जो पहले से बारिश से सराबोर हैं. आईएमडी ने ‘भारी बारिश’ बारिश का पूर्वानुमान व्यक्त किया है और एहतियाती उपायों की सिफारिश की है. अगले 24 घंटों के लिये तटीय कोंकण इलाके में रायगढ़, रत्नागिरी और सिंधुदुर्ग जिलों के साथ ही पश्चिमी महाराष्ट्र के पुणे, सतारा और कोल्हापुर जिलों में रेड अलर्ट जारी किया गया है.

अधिकारी ने कहा, ‘ज्यादातर मौतें रायगढ़ और सतारा जिलों से हुई हैं.’ उन्होंने कहा कि भूस्खलन के अलावा कई लोग बाढ़ के पानी में बह गए. अधिकारियों ने पश्चिमी महाराष्ट्र के सतारा जिले में विभिन्न घटनाओं में मरने वालों की संख्या 27 बताई. रायगढ़ जिले में बृहस्पतिवार शाम महाड़ तहसील के तलाई गांव के पास भूस्खलन हुआ. वहीं महाड़ में एनडीआरएफ (NDRF) की टीमें और स्थानीय अधिकारी बचाव कार्य में लगे हुए हैं.

सतारा ग्रामीण के पुलिस अधीक्षक अजय कुमार बंसल ने बताया कि अंबेघर और मीरगांव गांवों में बृहस्पतिवार रात भूस्खलन में कुल आठ मकान जमींदोज हो गये. लेकिन स्थानीय अधिकारियों की ओर से अभी तक दोनों घटनाओं में किसी की मौत की पुष्टि नहीं हुई है. अधिकारियों ने बताया कि वही राज्य में लगातार भारी बारिश होने के साथ रत्नागिरि जिले में भूस्खलन होने के बाद 10 लोगों के मलबे में फंसे होने की आशंका जताई जा रही है.

अधिकारियों ने कहा कि कोल्हापुर शहर के पास पंचगंगा नदी 2019 में बाढ़ के दौरान देखी गई तुलना में अधिक स्तर पर बह रही थी. राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) टीमों, स्थानीय आपदा प्रबंधन प्रकोष्ठ, पुलिस और जिला प्रशासन द्वारा राहत एवं बचाव कार्य जारी है. अधिकारियों ने बताया कि भारतीय थल सेना और नौसेना की छह टीमों के शनिवार सुबह बचाव कार्य में शामिल होने की उम्मीद है. बाढ़ से 54 गांव प्रभावित हुए हैं जबकि 821 गांव आंशिक रूप से प्रभावित हुए हैं.

कोल्हापुर जिले में बाढ़ के कारण 10 स्टेट हाईवे समेत कम से कम 39 सड़कों पर ट्रैफिक रुका है. NDRF की 3 टीमें बचाव कार्य में लगी हैं. इस बीच, महाराष्ट्र सरकार ने भूस्खलन में मरने वाले लोगों के परिजन को पांच-पांच लाख रुपये की मुआवजा देने का ऐलान किया है.

स्थानीय पुलिस ने शुक्रवार को बताया कि लगातार बारिश के बाद पुणे जिले के भीमाशंकर मंदिर के गर्भगृह में पानी भर गया है. वहीं महाराष्ट्र में भारी बारिश से बने हालात पर राष्ट्रपति समेत देश की प्रमुख हस्तियों ने चिंता जताते हुए मृतकों के परिवार के प्रति संवेदना प्रकट की है. वहीं राहत के लिए मुआवजे का ऐलान भी हुआ है.

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