प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को एक खास प्लेटफॉर्म की शुरुआत की। इसके द्वारा टैक्सपेयर्स को तीन सौगात दिए गए हैं जिनमें फेसलेस असेसमेंट, फेसलेस अपील और टैक्सपेयर्स चार्टर शामिल हैं।
ईमानदार टैक्सपेयर्स को प्रोत्साहन और कर प्रणाली में पारदर्शिता बढ़ाने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को एक खास प्लेटफॉर्म की शुरुआत की। इस प्लेटफॉर्म का नाम ‘ट्रांसपैरेंट टैक्सेशन: ऑनरिंग द ऑनेस्ट’ है। इसके द्वारा टैक्सपेयर्स को 3 सौगात दिए गए हैं जिनमें फेसलेस असेसमेंट, फेसलेस अपील और टैक्सपेयर्स चार्टर शामिल हैं। आइए जानते हैं कि फेसलेस अपील की सुविधा क्या है और इसका क्या फायदा होगा?
क्या होगा टैक्सपेयर्स को फायदा
फेसलेस अपील की सुविधा इस साल 25 सितंबर को दीन दयाल उपाध्याय की जयंती के अवसर पर शुरू होगी। इस सुविधा के द्वारा भी भ्रष्टाचार और मनमानी को रोकने की कोशिश की जाएगी। इसके तहत टैक्सपेयर्स की अगर कोई शिकायत है तो उसे इसके लिए रैंडम तरीके से चुने गए अफसर के पास अपील का अधिकार होगा। यह अफसर कौन है, इसके बारे में किसी को जानकारी नहीं होगी। आयकर दाता को इसके लिए किसी भी दफ्तर के चक्कर लगाने की जरूरत नहीं होगी।
इस अपील पर अंतिम निर्णय अधिकारियों की एक टीम करेगी और इसकी समीक्षा भी टैक्सपेयर्स को कराने का अधिकार होगा। हालांकि गंभीर अपराध, बड़ी टैक्स चोरी, अंतरराष्ट्रीय टैक्स के मामले या देश के लिहाज से संवेदनशील मसले आदि मामलों में इस सुविधा का लाभ नहीं मिलेगा।
नई यात्रा की शुरुआत
प्रधानमंत्री ने कहा कि पिछले कुछ वक्त में हमने इन मसलों पर फोकस किया है, ये नई यात्रा की शुरुआत है। अब ईमानदार का सम्मान होगा, एक ईमानदार टैक्सपेयर राष्ट्र निर्माण में भूमिका निभाता है। आज से शुरू हो रही नई व्यवस्थाएं, नई सुविधाएं मिनिमम गवर्नमेंट-मैक्सिमम गवर्ननेंस को आगे बढ़ाती हैं। पीएम ने कहा कि इससे सरकार का दखल कम होगा।
पिछले 3-4 हफ्तों में प्रधानमंत्री कार्यालय की देश के टैक्स अधिकारियों से कई दौर की बैठकों में फेसलेस अससेमेंट और पारदर्शिता आदि को लेकर चर्चा हुई है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने हाल में कहा था कि फेसलेस असेसमेंट और अन्य कदमों से करदाताओं की परेशानी कम होगी और टैक्स व्यवस्था सरल होगी।
PM मोदी ने कहा कि गुलामी के दौर से शुरू देश के टैक्स सिस्टम में अब काफी बदलाव किए गए हैं।
इस मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि ये प्लेटफॉर्म 21वीं सदी के टैक्स सिस्टम की शुरुआत है, जिसमें फेसलेस असेसमेंट-अपील और टैक्सपेयर्स चार्टर जैसे बड़े रिफॉर्म हैं।
बता दें कि इस नए टैक्स प्लेटफॉर्म के तहत करदाता को फेसलेस असेसमेंट, टैक्स पेयर्स चार्टर, फेसलेस अपील की सुविधा मिलेगी। साथ ही अब टैक्स देने में आसानी होगी, तकनीक की सहायता से लोगों पर भरोसा जताया जाएगा।
प्रधानमंत्री ने बताया कि 2012-13 में जितने टैक्स रिटर्स होते थे और उनकी स्क्रूटनी होती थी आज उससे काफी कम है, क्योंकि हमने टैक्सपेयर्स पर भरोसा किया है। अब ईमानदार का सम्मान होगा, एक ईमानदार टैक्सपेयर राष्ट्र निर्माण में भूमिका निभाता है। PM ने कहा कि आज से शुरू हो रही नई व्यवस्थाएं, नई सुविधाएं मिनिमम गवर्नमेंट-मैक्सिमम गवर्ननेंस को आगे बढ़ाती हैं। PM ने कहा कि इससे सरकार का दखल कम होगा।
PM ने कहा कि पॉलिसी स्पष्ट होना, ईमानदारी पर भरोसा, सरकारी सिस्टम में टेक्नोलॉजी का प्रयोग, सरकारी मशीनरी का सही उपयोग करना और सम्मान करना। पहले रिफॉर्म की बातें होती थीं, कुछ फैसले मजबूरी-दबाव में लिए जाते थे जिससे परिणाम नहीं मिलता था।
कुछ लोगों की वजह से करोड़ों टैक्सपेयर्स होते थे परेशान
PM ने कहा कि देश के साथ छल करने वाले कुछ लोगों की पहचान के लिए बहुत लोगों को परेशानी से गुजरना पड़ा। छल करने वाले कुछ लोगों की वजह से करोड़ों ईमानदार टैक्सपेयर्स को भी परेशान होना पड़ता था। ऐसे में साठगांठ की व्यवस्था बन गई। इसी चक्कर के कारण ब्लैक-व्हाइट का उद्योग बढ़ा।
उन्होंने कहा कि पहले 10 लाख का मामला भी अदालत में चला जाता था, लेकिन अब हाईकोर्ट-सुप्रीम कोर्ट में जाने वाले मामले की सीमा क्रमश: 1-2 करोड़ की गई है। अब फोकस अदालत से बाहर ही मामलों को सुलझाने पर है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि पहले अपने शहर का अधिकारी है मामला देखता था, लेकिन अब टेक्नोलॉजी की वजह से देश के किसी भी हिस्से का अधिकारी केस की जांच कर सकता है। अगर मुंबई में कोई केस सामने आता है, तो उसकी जांच का मामला मुंबई को छोड़कर किसी भी शहर की टीम के पास जा सकता है। उस आदेश का रिव्यू किसी दूसरे शहर की टीम करेगी, टीम में कौन होगा इसका नतीजा भी कंप्यूटर से किया जाएगा।
कर दाताओं के लिए कैसे होगी मददगार
तीन बड़े सुधार
PM मोदी ने टैक्स सिस्टम में पारदर्शिता लाने के लिए तीन बड़े सुधार या कहें 3 सौगात टैक्सपेयर्स को दिए हैं। इनमें फेसलेस , फेसलेस अपील और चार्टर शामिल हैं।
- टैक्सपेयर्स चार्टर
अगर आसान भाषा में समझें तो ये चार्टर एक तरह का लिस्ट होगा, जिसमें टैक्सपेयर्स के अधिकार और कर्तव्य के अलावा टैक्स अधिकारियों के लिए भी कुछ निर्देश होंगे। इसके जरिए करदाताओं और इनकम टैक्स विभाग के बीच विश्वास बढ़ाने की कोशिश की जाएगी। इस चार्टर में टैक्सपेयर्स की परेशानी कम करने और इनकम टैक्स अफसरों की जवाबदेही तय करने की व्यवस्था होगी। इस समय दुनिया के सिर्फ 3 देशों- अमेरिका, कनाडा और आस्ट्रेलिया में ही यह लागू है।
- फेसलेस अपील
फेसलेस अपील की सुविधा इस साल 25 सितंबर को दीन दयाल उपाध्याय की जयंती के अवसर पर शुरू होगी। इस सुविधा के द्वारा भी भ्रष्टाचार और मनमानी को रोकने की कोशिश की जाएगी। इसके तहत टैक्सपेयर्स की अगर कोई शिकायत है तो उसे इसके लिए रैंडम तरीके से चुने गए अफसर के पास अपील का अधिकार होगा। यह अफसर कौन है, इसके बारे में किसी को जानकारी नहीं होगी। आयकर दाता को इसके लिए किसी भी दफ्तर के चक्कर लगाने की जरूरत नहीं होगी।
- फेसलेस असेसमेंट
इसके पहले स्क्रूटनी वाले मामलों में असेसमेंट प्रक्रिया के दौरान करदाता को कई बार टैक्स अधिकारियों का चक्कर लगाना पड़ता था। यह एक तरह से भ्रष्टाचार की वजह बनता था और खासकर ज्यादा रकम वाले मामलों में ऐसे आरोप लगते थे। लेन-देन के जरिए मामले निपटाने की कोशिश हो सकती थी। लेकिन फेसलेस असेसमेंट यह रास्ता बंद हो जाएगा।
फेसलेस असेसमेंट इलेक्ट्रॉनिक मोड में होता है। इनमें टैक्सपेयर किसी टैक्स अधिकारी के आमने-सामने होने की या किसी इनकम टैक्स ऑफिस जाने की जरूरत नहीं होती।