बिहार में भयावह बने कैंसर के आंकड़े, हर साल मिल रहे 85000 नए मरीज

बिहार में प्रतिवर्ष कैंसर के 85 हजार नए मरीजों की पहचान हो रही है। इसके अलावा तीन लाख से ज्यादा कैंसर मरीजों का राज्य में इलाज चल रहा है। बिहार में कैंसर होने का मुख्य कारण तंबाकू का सेवन है। तंबाकू के सेवन के कारण ही प्रदेश में सबसे ज्यादा मुंह का कैंसर हो रहा है। इसके अलावा महिलाओं में बच्चेदानी का कैंसर, स्तन का कैंसर, पुरुषों में लिवर का कैंसर, प्रोस्टेट कैंसर और आंत का कैंसर प्रमुख है।

कैंसर केयर ऑफ इंडिया के अध्यक्ष डॉ. जितेंद्र कुमार सिंह का कहना है कि कैंसर की बीमारी काफी तेजी से पांव पसार रही है। राज्य में पहले से ही लगभग तीन लाख मरीजों का विभिन्न अस्पतालों एवं चिकित्सकों के माध्यम से इलाज चल रहा है। पूरे देश में फिलहाल प्रतिवर्ष कैंसर के 15 लाख नए मरीज मिल रहे हैं।
कैंसर रोग विशेषज्ञों का कहना है कि लोगों की जीवनशैली में आए बदलाव के कारण ही कैंसर के मरीजों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है। इससे बचने के लिए जरूरी है कि घर का खाना खाएं। खाना में तेल व मसाला का उपयोग कम से कम करें। भोजन में हरी सब्जी, फल एवं सलाद की मात्रा बढ़ा दें। मोटापा को हमेशा नियंत्रण में रखने की कोशिश करें।
मुख्यमंत्री राहत योजना से कैंसर के मरीजों को फिलहाल एक लाख की सहायता दी जाती। वहीं बोन मैरो प्रत्यारोपण के लिए मरीजों को पांच लाख तक की सहायता सरकार की ओर से दी जा रही है। इसके अलावा आयुष्मान योजना के तहत भी कैंसर मरीजों का इलाज किया जा रहा है।

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