महाराष्ट्र में राष्ट्रपति शासन को मंजूरी, शिवसेना पहुंची सुप्रीम कोर्ट

महाराष्ट्र में सियासी संकट गहरा गया है। राजनीतिक दलों द्वारा सरकार बनाने को नाकाम रहने के बाद राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने मंगलवार को राज्य में राष्टपति शासन लागू करने की सिफारिश केन्द्र को भेज दी। कोश्यारी की सिफारिश पर चर्चा के लिए केन्द्रीय कैबिनेट ने एक आपात बैठक की। ब्रिक्स सम्मिट में हिस्सा लेने के लिए विदेश रवाना होने से पहले हुई इस बैठक में कैबिनेट पीएम मोदी भी मौजूद रहे। मोदी कैबिनेट ने चर्चा के बाद राज्यपाल की सिफारिश राष्ट्रपति को भेज दी।

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक राष्ट्रपति ने सिफारिश पर मुहर भी लगा दी है। इस बीच शिवसेना सुप्रीम कोर्ट पहुंच गयी है। सेना का आरोप है कि सरकार बनाने के लिए उसे अतिरिक्त समय नहीं दिया गया। खबरों के मुताबिक शिवसेना ने कपिल सिब्बल को अपना वकील बनाया है। शिवसेना ने सुप्रीम कोर्ट से उनकी याचिका आज ही तत्काल सुनवाई की मांग की है। खबरों के मुताबिक राज्य में राष्ट्रपति शासन को चुनौती देने के लिए शिवसेना एक और याचिका तैयार करने में जुटी है। हालांकि सुप्रीम कोर्ट के रजिस्ट्रार ने सेना के वकीलों को अभी तक यह नहीं बताया है कि उनकी याचिका सुनवाई तत्काल होगी या नहीं।

शिवसेना ने अपनी याचिका में अदालत से मांग की है कि राज्यपाल के उस आदेश को रद्द करने की मांग की है। जिसमें भगत सिंह कोश्यारी ने सेना को समर्थन पत्र जमा करने के लिए अतिरिक्त समय देने से इनकार कर दिया था। सेना की मांग है कि सुप्रीम कोर्ट राज्यपाल को आदेश दे कि वह हमें समर्थन जुटाने के लिए प्र्याप्त समय दें। साथ ही राज्यपाल के उस आदेश को खारिज करने की मांग की है जिसमें उन्होंने सरकार बनाने के लिए शिवसेना के दावे को खारिज कर दिया था।

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