बढ़ती महंगाई ने जहां आम आदमी की खटिया खड़ी कर रखी है, वहीं भर पेट भोजन को लेकर राहत की खबर है। झारखंड में देशभर के मुकाबले भोजन की थाली सबसे सस्ती है, जबकि असम में भी कम पैसे में पेटभर खाना खाया जा सकता है। इस साल का आर्थिक सर्वेक्षण इसकी गवाही दे रहा है। बीते दिन वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की ओर से संसद के पटल पर रखे गए आर्थिक सर्वेक्षण में मांसाहारी और शाकाहारी थाली की औसत कीमतों का विश्लेषण किया गया है। आंकड़ों के मुताबिक पहले के मुकाबले अब भर पेट खाना किफायती हो गया है।
आर्थिक सर्वेक्षण में दिए गए आंकड़ों की मानें तो वर्ष 2006-2007 में जहां एक औसत भारतीय कामगार अपनी दैनिक आमदनी का 70% हिस्सा पांच लोगों के लिए शाकाहारी भोजन की अलग-अलग थाली पर खर्च कर देता था, वहीं यह 2019-20 में घटकर 50% तक रह गया है। इसी तरह मांसाहारी थाली की बात करें तो जहां वर्ष 2006-2007 में इसके लिए रोजाना की कमाई का 93% खर्च करना पड़ रहा था, वहीं 2019-20 में पांच लोगों के खाने के लिए दैनिक मेहनताना का 79% खर्च करना पड़ता था।