हरियाणा- विधानसभा चुनाव से ठीक पहले इंडियन नेशनल लोकदल (इनेलो) को बड़ा झटका लगा है। पूर्व मंत्री और पार्टी के राष्ट्रीय वरिष्ठ उपाध्यक्ष अशोक अरोड़ा ने इनेलो छोड़ने का एलान किया है। उन्होंने कहा कि वह नई पारी शुरू करने जा रहे हैं। वह इनेलो छोड़ने का फैसला भारी मन से कर रहे हैं। हालांकि ये अभी साफ नहीं हो पाया है कि वह किस पार्टी में जा रहे हैं, लेकिन उन्होंने कांग्रेस में शामिल होने के संकेत दिए।
अरोड़ा ने स्पष्ट किया कि वह अब क्षेत्रीय दलों की राजनीति नहीं करेंगे। नई पार्टी कौन-सी होगी यह तो अभी तय नहीं किया है, लेकिन होगी राष्ट्रीय ही। यह कहते हुए उन्होंने इशारा दिया कि वे कभी भी कांग्रेस ज्वाइन कर सकते हैं। मंगलवार को कुरुक्षेत्र की पंजाबी धर्मशाला में बड़ी संख्या में उन्होंने अपने समर्थकों से रायशुमारी की। समर्थकों ने यह फैसला उन्हीं पर छोड़ दिया है कि वे किस पार्टी में जाएं।
इनेलो में चल रहे घमासान के बीच और चुनाव की घोषणा से एकदम पहले अशोक अरोड़ा ने यह घोषणा कर प्रदेश के राजनीतिक गलियारों में उथल-पुथल मचा दी है। यह माना जा रहा है कि अब वे थानेसर विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ सकते हैं। इस बैठक में समर्थकों ने सीधे तौर पर कहा कि भाजपा में नहीं जाएं। इसके लिए उन्होंने कई तर्क दिए। कहा कि भाजपा के उम्मीदवार के खिलाफ ही चुनाव लड़ना है। खुद अशोक अरोड़ा ने भी भाजपा विधायक के दावों पर सवाल खड़े किए। रोजगार के मुद्दे भाजपा सरकार के खिलाफ भी वे बोले।
14 विधायक व एक राज्यसभा सदस्य छोड़ चुके इनेलो
वर्ष 2014 में इनेलो के 19 विधायक चुनाव जीतकर विधानसभा पहुंचे थे। इनमें चार विधायक नैना चौटाला, राजदीप फौगाट, अनूप धानक व पिरथी नंबरदार इस्तीफा देकर दुष्यंत चौटाला के नेतृत्व वाली जेजेपी ज्वाइन कर चुके हैं। वहीं 10 विधायकों ने अपनी सदस्यता से इस्तीफा देकर भाजपा ज्वाइन की है। इसके अलावा एक राज्यसभा सदस्य भी भाजपा में शामिल हो चुके। वर्तमान में अभय के साथ लोहारू के विधायक ओमप्रकाश बारवा और बरवाला के विधायक वेद नारंग ही बचे हैं। दो विधायकों हरिचंद मिढ़ा और जसविंद्र सिंह संधू का निधन हो चुका है।