इंडोनेशिया के हेलमहेरा में Earthquake के जोरदार झटके महसूस किए गए। रिक्टर स्केल पर Earthquake की तीव्रता 6.5 मापी गई। Earthquake 105 किमी की गहराई पर था स्थित था। जर्मन रिसर्च सेंटर फॉर जियोसाइंसेज (GFZ) ने इसकी जानकारी दी। हालांकि, Earthquake से अभी तक किसी जानमाल के नुकसान की खबर सामने नहीं आई है। सुनामी का भी अलर्ट जारी नहीं हुआ हैं। इंडोनेशिया पैसिफिक रिंग ऑफ फायर पर स्थित है, जो अक्सर भूकंपों से प्रभावित होता है। यहां सुनामी का भी बहुत खतरा रहता है।
इससे पहले लॉस एंजिल्स में Earthquake के झटके महसूस हुए। लॉस एंजिल्स के उत्तर पूर्व में लगभग 241 किलोमीटर दूर कैलिफोर्निया के रेगिस्तान में बुधवार को 5.5 तीव्रता का Earthquake आया था, लेकिन काफी आबादी वाले क्षेत्र में किसी तरह के नुकसान की कोई खबर नहीं आई। हालांकि,भूकंपीय रूप से संवेदनशील कैलिफ़ोर्निया में ऐसे भूकंप असामान्य नहीं हैं।
जानिए क्यों आता है भूकंप
धरती मुख्य रूप से पर चार परतों से बनी हुई है, इनर कोर, आउटर कोर, मेटल और क्रस्ट से बनी है। इसमें से सिर्फ ऊपरी परत क्रस्ट से ही Earthquake का लेना देना है। क्रस्ट में दर्जनों प्लेट्स आपस में जुड़ी होती हैं। अंदर ही ये प्लेट्स हिलती डुलती रहती हैं। थोड़ा बहुत हिलने पर कोई असर नहीं पड़ता, लेकिन ज्यादा हिलने पर ऊपर तक असर महसूस होता है। इसको ही Earthquake कहते हैं। जहां प्लेट्स जुड़ी होती हैं, वहां टकराव ज्यादा होता है, वो इलाके Earthquake के लिए काफी संवेदनशील होते है। इन्हीं इलाकों में भूकंप ज्यादा आते हैं।
भूकंप आने पर क्या करें क्या न करें
Earthquake के दौरान लिफ्ट का इस्तेमाल न करें। यानी बाहर जाने के लिए लिफ्ट की बजाय सीढ़ियों का इस्तेमाल करें। भूकंप आने के दौरान अगर आप कहीं फंस गए हों तो दौड़ें नहीं। गाड़ी या कोई भी वाहन चला रहे हो तो उसे तुरंत रोक दें। इस बात का ध्यान रखें पुल से दूर, सड़क के किनारे गाड़ी रोकें। तुरंत सुरक्षित और खुले मैदान में जाएं। खिड़की, अलमारी, पंखे आदि ऊपर रखे भारी सामान से तुरंत दूर हट जाएं।