पूरे विश्व में कोरोना वायरस ने जन जीवन को रोक दिया है । लेकिन नहीं रुका डॉक्टर्स का ज़ज्बा और मरीजों के प्रति इनका सेवा भाव । भारतवर्ष में लाखों डॉक्टर्स अपनी जान को दाव पर लगा कर और अपने घर परिवार को भूलकर इस महामारी से लड़ रहे है ऐसे डॉक्टर्स को पूरा भारत सलाम करता है ।
ऐसी ही एक वारियर डॉ अर्चना वर्मा रुड़की के सिविल अस्पताल में तैनात है जो अपने बच्चे और घर से दूर रहकर कोरोना वायरस के खिलाफ जंग में डटी हुई है । सिविल अस्पताल में भर्ती मरीजों का कहना है कि डॉ अर्चना एक माँ की तरह मरीजों का ख्याल रख रही है और अस्पताल को अपने परिवार की तरह समझते हुए लोगों की सेवा में लगी हुई है ।
डॉ अर्चना का कहना है कि स्वास्थ्य सेवा में आने के बाद उनके मरीज ही उनके बच्चें है और इन मरीजों की सेवा करना ही उनका प्रथम धर्म है ।आपको बता दें कि डॉ अर्चना का बेटा इस समय देश से बाहर है तो जब भी वो अस्पताल से फ्री होती है तो बेटे से विडियो कॉल पर बात करती है ।
उन्होंने आगे बताया कि जब भी कोई मरीज ठीक होकर अस्पताल से अपने घर जाता है तो उसके हस्ते हुए चेहरे में उनको अपना बच्चा नज़र आता है और ये पल उनके लिए ख़ुशी का पल होता है ।
डॉ अर्चना पिछले डेढ़ महीने से अपने घर से दूर अस्पताल में रहकर मरीजों की सेवा में लगी हुई है ।
NVR24 इन सभी डॉक्टर्स को धन्यवाद देता है जो इस वक़्त अपनो से दूर होकर लोगों की सेवा में लगे है ।