चीन से शुरू हुए कोरोना वायरस ने आज दुनियांभर के करीब 212 देशों को अपनी चपेट में ले रखा है। वहीं लगातार चीन पर इस जानलेवा वायरस से जुड़ी शुरूआती और अहम जानकारी छुपाने का आरोप लगता रहा है। इसके साथ ही विश्व स्वास्थ्य संगठन पर भी अमेरिका समेत अन्य कई देशों ने सवाल खड़े किए हैं। इसी बीच यूरोपियन यूनियन ने दुनिया के देशों से अपील की है कि वो इस मुश्किल की घड़ी में विश्व स्वास्थ्य संगठन की मदद करें। बता दें बीते दिनों अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने विश्व स्वास्थ्य संगठन के फंड में कटौती करने की बात कही थी जिसके बाद यूरोपियन यूनियन ने WHO की मदद करने की अपील की है। इस बाबत यूरोपीय कमीशन की प्रवक्ता वर्जीनी बट्टू-हेनरिक्शन ने कहा कि वैश्विक सहयोग ही इस कोरोना के खिलाफ जारी इस जंग में जीतने के लिए एकमात्र प्रभावी जरिए है। इसके साथ ही आगे कहा कि ये एकजुट रहने का वक्त है। ये किसी को निशाना बनाने या बहुपक्षीय सहयोग को कम करने का समय नहीं है।
बता दें इससे पहले, जर्मनी और फ्रांस के नेताओं ने कोरोना वायरस महामारी से प्रभावित यूरोपीय अर्थव्यवस्थाओं की स्थिति में सुधार लाने के लिए 500 अरब यूरो का एक आर्थिक कोष बनाने का प्रस्ताव पारित किया था। इस प्रस्ताव के तहत यूरोपीय संघ के 27 देश वित्तीय बाजारों से मिलकर उधार लेंगे और 500 अरब यूरो की राशि से सबसे ज्यादा प्रभावित आर्थिक क्षेत्रों और इलाकों को फंड मुहैया कराएंगे। इस मामले पर पहले ही जर्मनी की चांसलर अंजेला मर्केल और फ्रांस के राष्ट्रपति इमैन्युअल मैक्रां ने एक साथ कहा था कि इस प्रस्तावित कोष से ये सुनिश्चित किया जा सकेगा की यूरोपीय संघ के बजट से होने वाला व्यय उन क्षेत्रों की मदद के लिये इस्तेमाल किया जाएगा जो कि महामारी से सबसे ज्यादा प्रभावित हुए हैं।