राज्यसभा में नागरिकता संशोधन बिल पर चर्चा करते हुए शिवसेना नेता संजय राउत ने कहा कि आज देश के कई हिस्से में बिल का विरोध हो रहा है । वह भी देश के नागरिक हैं । हमें किसी से देशभक्ति का प्रमाणपत्र लेने की जरूरत नहीं है, हम कितने कठोर हिंदू हैं, उसका प्रमाण पत्र भी हमें नहीं चाहिए । क्योंकि जिस स्कूल में आप पढ़ते हैं, वहां के हम हेडमास्टर हैं । बाला साहेब हमारे हेडमास्टर थे अटल जी और श्यामा प्रसाद मुखर्जी भी थे। शिवसेना सांसद संजय राउत ने कहा कि लोकतंत्र में अलग आवाजें होती हैं । ये कहा जा रहा है कि जो इस बिल के साथ नहीं है वो देशद्रोही है, जो साथ है वही देशभक्त है । ये पाकिस्तान की असेंबली नहीं है, अगर पाकिस्तान की भाषा पसंद नहीं है तो पाकिस्तान को खत्म कर दो, हम आपके साथ हैं । संजय राउत ने कहा कि अगर वहां हमारे भाइयों पर जुल्म हो रहा है, तो आप मजबूत हैं उनका साथ दीजिए । हमें किसी से देशभक्ति का प्रमाणपत्र लेने की जरूरत नहीं है, हम कितने कठोर हिंदू हैं ये भी बताने की जरूरत नही है । जिस स्कूल में आप पढ़ते हो वहां हम हेडमास्टर हैं ।
शिवसेना सांसद ने कहा कि इस देश से घुसपैठियों को बाहर निकलाना चाहिए, पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों का हनन हुआ है । जिन लाखों-करोड़ों को यहां पर ला रहे हैं, तो क्या उन्हें वोटिंग का हक मिलेगा । अगर इन्हें 20-25 साल वोटिंग का हक नहीं मिलता है तो बैलेंस रहेगा । चाहे जिसने भी इस बिल की सलाह दी है उसे संसद में लाना चाहिए और पूछना चाहिए कि आपने तीन देशों को ही क्यों चुना, बाकी को क्यों छोड़ा? आपने 6 धर्मों को ही क्यों चुना? और आपने भूटान के ईसाई, श्रीलंका के हिंदुओं को क्यों बाहर रखा ।