उत्तर प्रदेश के 31 जिलों में 17 से 29 फरवरी तक फाइलेरिया उन्मूलन के लिए अभियान चलेगा। राष्ट्रीय कार्यक्रम के तहत लिम्फैटिक फाइलेरियासिस के उन्मूलन के लिए मास ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन (MDA) राउंड चलाने जा रही है। जो MDA/IDA 2019-20 का द्वितीय चरण हैं। ये 31 जिले उत्तर प्रदेश के उन 51 जिलों में से है, जो स्थानीय रूप से फ़ाइलेरिया से प्रभावित हैं।
यह जानकारी मलेरिया एवं वेक्टर बोर्न डिजीज़ अपर निदेशक डॉ. विंदू प्रकाश सिंह ने दी। उन्होंने बताया कि गोरखपुर, महराजगंज, कुशीनगर, देवरिया, गोंडा, बलरामपुर, बहराइच, श्रावस्ती, लखनऊ, बरेली, पीलीभीत, शाहजहाँपुर, फैजाबाद, बाराबंकी, अमेठी, अम्बेडकरनगर, आजमगढ़, मऊ, बलिया, सोनभद्र, वाराणसी, जौनपुर, संत रविदास नगर (भदोई), जालौन, हमीरपुर, बस्ती, संतकबीरनगर, सिद्धार्थनगर, चित्रकूट, बांदा और महोबा में MDA राउंड आयोजित किए जाएंगे।
अपर निदेशक ने कहा कि अभियान के दौरान स्वास्थ्यकर्मी इन सभी 31 जिलों में फ़ाइलेरिया से बचाव के लिए दवाएं लोगों तक उपलब्ध कराएंगे। हर व्यक्ति को इन दवाइयों का सेवन करना है। केवल 2 साल से कम उम्र के बच्चों, गर्भवती महिलाओं और गंभीर बीमारी से पीडि़त लोगों को यह दवाएं नहीं दी जाएंगी।
मलेरिया एवं वेक्टर बोर्न डिजीज़ अपर निदेशक ने बताया कि फ़ाइलेरिया से बचाव के साथ एमडीए आंत के कृमि का भी इलाज करती है। जिससे ख़ासकर बच्चों के पोषण स्तर में सुधार आता है और उनके शारीरिक और मानसिक विकास में मदद मिलती है। गौरतलब है कि वर्ष 2004 से भारत सरकार ने देश भर में लिम्फैटिक फाइलेरियासिस के संक्रमण से बचाव के लिए सभी प्रभावित जिलों में मास ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन (एमडीए) राउंड आयोजित किये हैं।
संचारी और वेक्टर बोर्न डिजीज़ की निदेशक डॉ. मिथिलेश चतुर्वेदी ने कहा कि समुदाय के लोगों में इस बीमारी और इस रोग के इलाज में प्रयोग में आने वाली एमडीए दवाइयों के लाभ के बारे में अधिक जानकारी न होने से ज़्यादातर लोग दवाई का सेवन नहीं करतें हैं। यदि कुछ लोगों ने दवाई नहीं खायी है तो पूरे समुदाय को फ़ाइलेरिया से खतरा बना रहता है।
उत्तर प्रदेश के 51 जिलों में फ़ाइलेरिया (हाथीपांव) रोग स्थानीय रूप से फैली हुई है। इनमें इलाहाबाद, अंबेडकरनगर, अमेठी, औरैया, आज़मगढ़, बरेली, बलिया, बलरामपुर, बांदा, बाराबंकी, बस्ती, बहराइच, चंदौली, चित्रकूट, देवरिया, इटावा, फैजाबाद, फरुखाबाद, फतेहपुर, गाज़ीपुर, गोंडा, गोरखपुर, हमीरपुर, हरदोई, जालौन, जौनपुर, कन्नौज, कानपुर देहात, कानपुर नगर, कौशांबी, खीरी, कुशीनगर, लखनऊ, महाराजगंज, महोबा, मऊ, मिर्जापुर, पीलीभीत, प्रतापगढ़, रायबरेली, रामपुर, संत कबीर नगर, संत रविदास नगर (भदोई), शाहजहांपुर, श्रावस्ती, सिद्धार्थनगर, सीतापुर, सोनभद्र, सुल्तानपुर, उन्नाव और वाराणसी शामिल हैं। 2018-19 में लिंफोइडिमा के 93952 और हाइडड्रोसील के 26401 मामले पूरे राज्य में सामने आए है। इन 51 जिलों में से केवल रामपुर में एमडीए राउंड के माध्यम से संक्रमण का स्तर कम किया गया है और अब बाकी बचे 50 जिलों पर है।