बीजेपी राज में मां और बेटियां असुरक्षित: अखिलेश यादव

सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने कहा है कि बीजेपी राज में महिलाएं और बेटियां सुरक्षित नहीं हैं। वे घर से बाहर निकलें, पढ़ने जाएं, किसी समारोह में जाएं या अपनी नौकरी पर जाएं उनके लिए असुरक्षा का भय आतंक बनकर साथ चलता है। हर दिन बलात्कार और यौन हिंसा के मामले दर्ज होते हैं। नाबालिग बच्चियां भी इस क्रूरता की शिकार होती हैं। किसी भी सभ्य समाज के लिए यह स्थिति अत्यंत शोचनीय और निंदनीय है।

अखिलेश ने कहा कि उत्तर प्रदेश में तो हालात दिन पर दिन खराब होते जा रहे हैं। हर दिन रेप के कांड होते हैं। बेटी बचाओं, बेटी पढ़ाओं के कथित प्रचारक सत्ता में रहते हुए भी अमानवीय घटनाओं पर रोक लगाने में विफल हैं। अभियोजन पक्ष तो और भी कमजोर है जिसका अपराधी फायदा उठाते हैं। इसमें सत्ता पक्ष की नीतियां भी दोषी हैं। आज जंगलराज का शिकार हर बेटी हत्या प्रदेश में खुद को असुरक्षित महसूस कर रही है।


समाजवादी सरकार में महिलाओं से छेड़छांड़ की घटनाएं रोकने के लिए 1090 योजना शुरू की गई थीं। इस व्यवस्था को बीजेपी सरकार ने शिथिल कर दिया है। अपराध नियंत्रण के लिए यूपी डायल 100 की व्यवस्था की गयी थी उसको भी बीजेपी सरकार द्वारा 112 संख्या में बदलकर निष्प्रभावी बना दिया गया है।

उन्होंने कहा कि प्रदेश में मैनपुरी नवोदय विद्यालय में छात्रा की संदिग्ध मौत दो महीने पहले हुई लेकिन जांच कार्यवाही में लेट लतीफी हुई, सीतापुर में मछेरहटा के एक गांव में किशोरी से बंधक बनाकर दुराचार किया गया, आजमगढ़ में भी एक किशोरी से दुष्कर्म, संभल में कई दिन जीवन से संघर्ष के बाद रेप पीड़िता की मौत, हरदोई के सुरसा थाना क्षेत्र में 7 वर्ष की कक्षा 3 की छात्रा गांव में बारात देखने निकली थी, जो दुष्कर्म की शिकार हुई।

अम्बेडकरनगर में मालीपुर थाना क्षेत्र में ननिहाल से लौट रही एक नाबालिग से सामूहिक दुष्कर्म की घटना हुई है। प्रदेश के तमाम जनपदों से ऐसी ही घटनाएं सामने आई हैं। ये ताजा घटनाएं हैं जो दिल दहलाती हैं।

सपा प्रमुख ने कहा कि दिल्ली के निर्भया कांड से लेकर हैदराबाद के प्रियंका कांड तक सरकारों का संवेदनहीन रवैया ही सामने आता है। प्रदेश में उन्नाव कांड, शाहजहांपुर कांड जैसी दुष्कर्म की घटनाएं इंसानियत को कलंकित करने वाली रही हैं, जो आज भी सिहरन पैदा करती हैं। कानून व्यवस्था बनाए रखने पर करोड़ों का बजट खर्च करने वाली सरकार क्या दिन या रात में बेटियों-बहुओं का घर से बाहर निकलना सुरक्षित नहीं बना सकती है? सरकार सुरक्षित व्यवस्था नहीं बना सकती हैं तो उसे सत्ता में बने रहने का कोई नैतिक अधिकार नहीं है।

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