बॉलीवुड में निम्मी को एक ऐसी अभिनेत्री के तौर पर शुमार किया जाता है जिन्होंने पचास और साठ के दशक में महज शोपीस के तौर पर अभिनेत्रियों को इस्तेमाल किये जाने जाने की विचार धारा को बदल दिया और अपने दमदार अभिनय से दर्शकों के बीच खास पहचान बनायी।
निम्मी का जन्म 18 फरवरी 1933 को आगरा में हुआ था। उनका मूल नाम नवाब बानू था। उनकी मां वहीदन मशहूर गायिका होने के साथ फिल्म अभिनेत्री भी थीं और उन्होंने मशहूर निर्माता-निर्देशक महबूब खान के साथ कुछ फिल्मों काम किया था। निम्मी के पिता मिलिट्री में कान्ट्रेक्टर के रूप में काम करते थे।
निम्मी जब महज नौ वर्ष की थी तब उनकी मां का देहांत हो गया। इसके बाद वह अपनी दादी के साथ रहने लगी। भारत विभाजन के पश्चात निम्मी मुंबई आ गयी। इसी दौरान उनकी मुलाकात निर्माता- निर्देशक महबूब खान से हुयी। महबूब खान इसके पहले उनकी मां को लेकर कुछ फिल्मों का निर्माण कर चुके थे। वह उन दिनो अपनी नई फिल्म ‘अंदाज’ का निर्माण कर रहे थे। उन्होंने निम्मी को फिल्म स्टूडियों मे बुलाया। फिल्म ‘अंदाज’ के सेट पर निम्मी की मुलाकात अभिनेता राजकपूर से हुयी जो उन दिनों अपनी नई फिल्म ‘बरसात’ के लिये नये चेहरों की तलाश कर रहे थे और मुख्य अभिनेत्री के लिये नरगिस का चयन कर चुके थे।राजकपूर ने निम्मी की सुंदरता से प्रभावित होकर उनके सामने इस फिल्म में सहायक अभिनेत्री के रूप में काम करने का प्रस्ताव रखा जिसे उन्होने स्वीकार कर लिया।
वर्ष 1949 में प्रदर्शित फिल्म ‘बरसात’ की सफलता के बाद अभिनेत्री निम्मी फिल्म इंडस्ट्री में रातो-रात अपनी पहचान बनाने में सफल हो गयी। वर्ष 1952 में प्रदर्शित फिल्म ‘आन’ निम्मी के सिने करियर की एक और महत्वपूर्ण फिल्म साबित हुयी। महबूब खान निर्मित इस फिल्म की खास बात यह थी कि यह हिंदुस्तान में बनी पहली टेक्नीकलर फिल्म थी और इसे काफी खर्च के साथ वृहत पैमाने पर बनाया गया था। दिलीप कुमार, प्रेमनाथ और नादिरा की मुख्य भूमिका वाली इस फिल्म में निम्मी ने अतिथि भूमिका निभाई थी। फिल्म आन से जुड़ा एक रोचक तथ्य यह भी है कि भारत में बनी यह पहली फिल्म थी जो पूरे विश्व में एक साथ प्रदर्शित की गयी।