उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शुक्रवार को लखनऊ के इन्दिरा गांधी प्रतिष्ठान में वन्यजीव संरक्षण को लेकर जागरूकता मोबाइल ऐप लांच किया। वह यहां वन्य प्राणि सप्ताह का शुभारंभ करने पहुंचे थे। उन्होंने कहा कि वन विभाग, पर्यटन विभाग, सांस्कृतिक विभाग समेत सभी आपसी विभाग आपस में मिलकर कार्य करते है, तो जैव विविधता और वन्य जीवों के संरक्षण में एक महत्वपूर्ण योगदान हो सकता है।
इस मौके पर वन्य जीव सप्ताह 2019 के विजेताओं को योगी द्वारा प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया गया। उन्होंने वन विभाग की ओर से परिसर में लगाई गई प्रदर्शनी भी देखी। अत्याधुनिक उपकरणों को देखकर उन्होंने उसकी विशेषताओं के बारे में भी जानकारी ली। इसके साथ ही वन जीवों के संरक्षण के लिए वाहनों को हरी झण्डी दिखाकर रवाना भी किया।
मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि हमारे प्राचीन समय में भी भारतीय परंपरा ने सदैव ही जीवों की रक्षा की है। साथ ही उसके संरक्षण पर भी बल दिया है। हम जीवों की सुरक्षा की दृष्टि से उनकी रक्षा कर सकते हैं। मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि जब भी मनुष्य ने प्रकृति से खिलवाड़ किया है, तो इसके व्यापक दुष्परिणामों को भी भुगता पड़ा है। विगत ढाई वर्ष के दौरान वन्य विभाग के द्वारा प्रथम वर्ष लगभग छह करोड़ और अगले वर्ष 11 करोड़ और तीसरे वर्ष में लगभग 22 करोड़ 59 लाख वृक्षारोपण करना वन्य विभाग की अच्छी छवि को प्रदर्शित करता है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि जीवन एक चक्र है जो सदैव चलता रहता है। हर प्राणी एक दूसरे पर निर्भर है, सम्पूर्ण सृष्टि से सबसे खतरनाक प्राणि मनुष्य है जो सबको नुकसान पहुंचाता है। लेकिन वन्य प्राणी किसी को भी नुकसान नहीं पहुंचाते हैं। उन्होंने कहा कि कोई जंगली जानवर आपको तब तक नुकसान नहीं पहुंचाता जब तक उसको आप से खतरा महसूस ना हो। इस मौके पर पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री दारा सिंह चैहान, मंत्री अनिल शर्मा मौजूद रहें।
