बंगाल की खाड़ी में बनने वाले लो प्रेशर एरिया के 24 मई को यास चक्रवात में बदलने का अनुमान जताया जा रहा है. मौसम विभाग का कहना है कि 26 मई को यास चक्रवात पश्चिम बंगाल और ओडिशा के तट पर दस्तक देगा. इसी दिन आकाश में चंद्रग्रहण का नजारा भी दिखने वाला है. 26 मई को करीब पांच घंटे के लिए चंद्रग्रहण (दोपहर 2:17 बजे से शुरू) होगा. ऐसे में एक सवाल ये बन रहा है कि क्या 26 मई को आने वाले तूफान यास और इसी दिन लगने वाले चंद्र ग्रहण में कोई संबंध है? दरअसल, आपने भूगोल की किताब में पढ़ा होगा कि चंद्रग्रहण के मौके पर समुद्र में ज्वारभाटा आता है. यहां समझिए चंद्रग्रहण और चक्रवात कनेक्शन।
पूर्वी मध्य बंगाल की खाड़ी के ऊपर शनिवार को कम दबाव का क्षेत्र बना जो प्रचंड चक्रवाती तूफान में तब्दील हो सकता है और 26 मई को यह पश्चिम बंगाल, ओडिशा के उत्तरी क्षेत्र और बांग्लादेश के तटों की तरफ मुड़ सकता है। यह जानकारी क्षेत्रीय मौसम विज्ञान विभाग ने दी है।
क्षेत्रीय मौसम विज्ञान विभाग के निदेशक जी. के. दास ने कहा कि 26 मई की शाम तक यह तूफान दोनों राज्यों और पड़ोसी देशों के तटों को पार कर सकता है। उन्होंने कहा कि इस दौरान पश्चिम बंगाल, ओडिशा के उत्तरी हिस्सों और बांग्लादेश के तट पर 26 मई की दोपहर हवा की गति 90 से 100 किलोमीटर प्रति घंटा रह सकती है।
रक्षा विभाग के एक प्रवक्ता ने बताया कि भारतीय नौसेना ने अपने पोतों और विमानों को तैयार रखा है ताकि प्रभावित इलाकों में सहायता पहुंचाई जा सके। दास ने बताया कि पश्चिम बंगाल में गंगा से लगते अधिकतर स्थानों पर हल्की से मध्यम स्तर की बारिश हो सकती है। उन्होंने कहा कि 27 मई को कुछ स्थानों पर भारी बारिश की संभावना है।
मौसम विभाग ने बताया कि बंगाल की खाड़ी और ओडिशा, पश्चिम बंगाल तथा बांग्लादेश के तटों पर समुद्र में काफी ऊंची लहरें उठ सकती हैं। मछुआरों को 23 मई से अगली सूचना तक समुद्र में नहीं जाने की सलाह दी गई है।