हांगकांग में लोकतंत्र के समर्थन में हो रहा प्रदर्शन बीते साल से ही जारी है। 2019 के अंत तक ये प्रदर्शन और तेज हो गए थे। अब इस मामले में अमेरिकी ने भी हस्तक्षेप किया है। आपको बता दें अब अमेरिकी सीनेट ने हॉन्गकॉन्ग से जुड़े विवादित कानून को लेकर चीन पर प्रतिबंध लगाने को मंजूरी दे दी है। इससे जुड़े बिल को सीनेट ने पास कर दिया है। अमेरिकी सीनेट से जो बिल पास हुआ है उसके मुताबिक चीन के वैसे अधिकारियों, बिजनेसमैन और बैंक पर प्रतिबंध लगाने का प्रावधान है जो हॉन्गकॉन्ग की स्वायत्तता को कम करने की कोशिश कर रहे हैं। डेमोक्रेट और रिपब्लिकन सीनेटरों ने इस बिल को सीनेट ने ध्वनि मत से पास कर दिया है।
आपको बता दें इससे पहले इसी महीने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने उस बिल पर हस्ताक्षर किए थे जिसमें चीन में उइगर मुसलमानों को प्रताड़ित करने वाले चीनी अधिकारियों को दंडित करने का प्रावधान है। इसके बाद चीन और अमेरिका के बीच बढ़ते तनाव के बीच अमेरिका ने चीन को दंडित करने को लेकर एक और बिल कानून बनने की दिशा में कदम उठाय है। जाहिर है अमेरिका के इस कदम से दोनो देशों के बीच का तनाव और बढ़ जाएगा।
बता दें चीन ने हाल ही में हॉन्गकॉन्ग में एक नया राष्ट्रीय सुरक्षा कानून लागू किया है। दरअसल चीन ने सन 1997 में जब हॉन्गकॉन्ग को ब्रिटेन के कब्जे से अपने अधिकार में लिया था तो एक समझौता हुआ था। इस समझौते को एक देश, दो व्यवस्था का नाम दिया गया था। इस समझौते के मुताबिक 2047 तक हॉन्गकॉन्ग के लिए अलग प्रशासनिक व्यवस्था बनाए रखनी थी। इस व्यवस्था के कारण अमेरिका हॉन्गकॉन्ग को स्वायत्त मानता रहा है, लेकिन चीन के नए कानून के बाद हॉन्गकॉन्ग की स्वायतत्ता कम हो जाएगी। चीन के इस कानून के खिलाफ हॉन्गकॉन्ग में जोरदार विरोध प्रदर्शन हो रहा है। जनता सड़कों पर उतर आई है, और चीन से आजादी के साथ साथ हांगकांग में लोकतंत्र की मांग कर रही है।