कोरोना महामारी को लेकर विश्व स्वास्थ्य संगठन के रवैए पर अमेरिका पहले ही आपत्ती जता चुका है। वहीं अब विश्व स्वास्थ्य संगठन की ओर से कोरोना वायरस महामारी पर जो दावे किए जा रहे हैं उस पर भी सवाल खड़े हो रहे हैं। बता दें WHO खुद ही अपने उस बयान से पलट गया है, जिसमें उसने कहा था कि बिना लक्षण वाले मरीज़ों से कोरोना वायरस के संक्रमण का खतरा कम होता है। बता दें WHO ने एक प्रेस वार्ता में सफाई देते हुए कहा कि वो बयान गलतफहमी में दिया गया था। आगे कहा कि ऐसा संभव है कि कोरोना संक्रमण के 40 प्रतिशत मामले बिना लक्षण वाले मरीजों से ही फैले हों। ऐसे में सभी का जांच किया जाना अनिवार्य है।
आपको बता दें WHO की जूनोसिस इकाई की अध्यक्ष डॉ मारिया वेन करखोवा ने बीते सोमवार को प्रेस वार्ता में दावा किया था कि बिना लक्षण वाले मरीज़ों से कोरोना वायरस का फैलाव होना संभव नहीं है, लेकिन मंगलवार को अपने इस बयान के उलट ये साफ किया कि उनका बयान दो या तीन कोरोना मरीजों की स्टडीज़ पर आधारित था और ऐसा मानना कि विश्व में बिना लक्षण वाले मरीज़ों से कोरोना वायरस का ट्रांसमीशन नहीं हो सकता ये बात बिल्कुल गतल है।
भारत समेत दुनियांभर में कोरोना का कहर जारी है। दुनियांभर में कोरोना से संक्रमित होने वालो की संख्या 71 लाख को पार कर गई है। वहीं 4 लाख से ज्यादा लोगों की जान जा चुकी है।