Heat Weave

Delhi-NCR Weather जानें दिल्ली-एनसीआर में गर्मी और लू से कब मिलेगी राहत?मौसम विभाग ने दी बड़ी जानकारी

रविवार को भारतीय मौसम विभाग की तरफ से दी गई जानकारी के मुताबिक दिल्ली में 4 से 5 डिग्री सेल्सियस तक तापमान (Temperature) कम चल रहा है। पिछले दिनों दिल्ली-NCR का जो तापमान (Temperature) 40 डिग्री सेल्सियस से ऊपर चला गया था वह अब 40 डिग्री से कम हो गया है। तो वहीं हेटवेव (Heat Weave)भी अब फिलहाल कुछ दिनों तक नहीं रहेगी और जो भी हीटवेव रहेगी वह पश्चिमी राजस्थान में रहने का अनुमान है। हालांकि मध्य प्रदेश में भी हीटवेव हो सकती है लेकिन चांसेस काफी कम है। तापमान (Temperature) में गिरावट और हीटवेव ना होने की वजह एक्टिव डब्लू डी (वेस्टर्न डिस्टर्बेंस) है। अभी जो हवाएं चल रही है वह पूर्वी दिशा से चल रही है, पश्चिम से हवा चलती है वह राजस्थान से आती है जो ड्राई होती हैं और आज दिल्ली में हीट वेव नहीं रहेगी।

मौसम वैज्ञानिक के मुताबिक डब्लू डी (वेस्टर्न डिस्टर्बेंस) के बाद भी क्लाउड रहेगा और 6 – 7 मई तक ऐसे ही तकरीबन 40 डिग्री या उससे कम तापमान (Temperature) दिल्ली में रहेगा, साथ ही डस्ट स्ट्रोम आने का अनुमान है जिस के साथ ही दिल्ली, पंजाब, हरियाणा, राजस्थान में यह मौसम बना रहेगा और हो सकता है थोड़ी बहुत बूंदाबांदी भी हो जाए। इस साल मॉनसून नॉर्मल रहने का अनुमान भी मौसम विभाग ने जताया है।

गर्मी ने तोड़ा 122 साल पुराना रिकॉर्ड
इसके साथ ही देखा जाए तो इस बार मार्च महीने से ही गर्मी के रिकॉर्ड टूट रहे है। सबसे पहले मार्च महीने में भी गर्मी ने पिछले 122 साल के सभी रिकॉर्ड तोड़ दिए थे। इस बार मार्च 2022 में दर्ज किया गया औसत अधिकतम तापमान (Temperature) 1901 से 2022 तक पिछले 122 सालो में 33.10 डिग्री सेल्सियस के साथ अब तक का सबसे अधिक है और इसने 33.09 डिग्री सेल्सियस के मार्च 2010 के रिकॉर्ड को तोड़ दिया है। उस के बाद इस साल अप्रैल के महीने के लिए उत्तर पश्चिम और मध्य भारत में औसत अधिकतम तापमान (Temperature) पिछले 122 वर्षों में सबसे अधिक रहा है, जो 1901 से रिकॉर्ड किये आंकड़े के मुताबिक 28 अप्रैल तक उपलब्ध डेटा के अनुसार है। इस साल मार्च महीने में भी गर्मी ने पिछले 122 साल के सभी रिकॉर्ड तोड़ दिए थे।

जानिए क्यों पड़ रही है ज्यादा गर्मी
वहीं उत्तर पश्चिम भारत में मार्च के आखिरी सप्ताह से ही सामान्य से अधिक तापमान (Temperature) दर्ज किया गया है। मौसम विशेषज्ञों का कहना है कि आम तौर पर इस मौसम में नियमित अंतराल पर होने वाली बारिश और गरज-चमक के अभाव में यह स्थिति है। उन्होंने बताया कि पश्चिमी विक्षोभ की गतिविधियों में कमी की वजह से इस साल ऐसा हो रहा है।

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