विधानसभा चुनाव सर पर है. सत्तारूढ़ दल बीजेपी में एक से बढ़ कर एक दिग्गज शामिल हुए हैं। बीजेपी ने झामुमो, कांग्रेस, आदिवासी रक्षा मंच, झाविमो,राजद के विधायकों, नेताओं को अपने पाले में शामिल कराया है। ऐसे में टिकट को लेकर भारी बवाल मचना लाजमी है।
पार्टी में हाल ही में जेएमएम के शशिभूषण मेहता, कांग्रेस विधायक मनोज यादव, सुखदेव भगत, मनोज यादव, झामुमो के कुणाल षाडंगी, जय प्रकाश भाई पटेल ने भाजपा का दामन थाम लिया है। इसे पहले झाविमो के मनोज कुमार भुइंया, राजद के डॉ मनोज कुमार, कांग्रेस के अरुण उरांव, नौजवान संघर्ष मोर्चा के विधायक भानू प्रताप शाही जैसे दिग्गजों ने कमल छाप को अपना लिया है। पूर्व डीजीपी डीके पांडेय, आईएएस रहीं सुचित्रा सिन्हा भी इनमें से एक हैं. इनको एडस्ट करने में पार्टी के दूसरे कद्दावर नेता नाराज हो जायेंगे।
बीजेपी के लिए यह भी एक दिक्कत है कि सहयोगी दल आजसू हटिया, सिल्ली, मांडू, सिसई, चक्रधरपुर, गोमिया, चंदनकियारी, लोहरदगा में अपनी दावेदारी कर रहा है। हटिया, सिसई, चंदनकियारी में बीजेपी के विधायक हैं। इन्हें टिकट मिलेगा अथवा नहीं, यह आनेवाला समय ही बतायेगा।
बीजेपी के लिए सरदर्द यह भी है कि पूर्व सांसद रविंद्र राय कोडरमा से टिकट चाहते हैं. वर्तमान प्रदेश अध्यक्ष लक्ष्मण गिलुआ को चाईबासा से सीट चाहिए. पूर्व आईपीएस लक्ष्मण सिंह को राज धनवार से टिकट चाहिए। पूर्व विधायक माधव लाल सिंह को गोमिया, वर्तमान प्रदेश महामंत्री दीपक प्रकाश को हटिया से सीट चाहिए।
बीजेपी चुनाव समिति यह तय नहीं कर पा रही है कि दूसरे दलों से आये विधायकों को उनकी सीट से ही लड़ाया जायेगा अथवा नहीं. यानी सुखदेव भगत को लोहरदगा की सीट चाहिए, मनोज यादव को बरही, जय प्रकाश भाई पटेल को मांडू, कुणाल षाड़ंगी को बहरागोड़ा। यहां पर बीजेपी के सेकेंड लाइन के नेता भी रेस में हैं। इसका नजारा दिखने भी लगा है। आबो देवी ने बरही से पार्टी छोड़ने का ऐलान किया है। झामुमो नेता शशिभूषण मेहता को विश्रामपुर सीट चाहिए. यहां से रामचंद्र चंद्रवंशी विधायक और मंत्री भी हैं।
हाल ही में बीजेपी में शामिल मनोज भुइंया को पलामू सीट चाहिए। कांग्रेस का दामन छोड़ चुके देवकुमार धान अब हाथ में कमल लेकर मांडर के चुनावी मैदान में जाने की ख्वाहिश रख रहे हैं जबकि मांडर से बीजेपी की गंगोत्री कुजूर फिलहाल विधायक हैं। बीजेपी में झाविमो से आये विधायक और मंत्री अमर बाउरी, चंदनकियारी के प्रबल दावेदार हैं। वहीं आजसू के पूर्व विधायक उमा शंकर यहां पर ताल ठोंक रहे हैं।
उधर अपनी पार्टी नौजवान संघर्ष मोर्चा का बीजेपी में विलय करा चुके भानू प्रताप शाही को भवनाथपुर सीट चाहिए। पार्टी में शामिल होते ही शाही ने ऐलान कर दिया था कि इस बार इस सीट पर बीजेपी की ऐतिहासिक जीत होगी, मतलब इशारा साफ था.