Holi 2023: ज्योतिष के अनुसार फाल्गुन मास के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा के दिन होली का त्योहार पड़ता है. इसे देखते हुए इस बार होली का त्योहार 8 मार्च को पड़ रहा है. वहीं होलिका दहन 6 और 7 मार्च की रात को होगा. होलिका दहन के अगले दिन धुरेंडी पर रंग खेला जाता है. यह 8 मार्च को पड़ रही है.
भद्रा काल से पड़ रहा यह असर
हर साल फाल्गुन महीने की पूर्णिमा पर होलिका जलती है. इसके ठीक अगले दिन रंग लगाकर होली का त्योहार मनाते हैं. वहीं पूर्णिमा तिथि का समय दो दिन तक रहने के कारण इसकी तिथी को लेकर कन्फ्यूजन है. वहीं इस दौरान अशुभ भद्रा काल होने के कारण भी इसकी तिथि को लेकर असमंजस हो रहा है. इसी कारण होलिका दहन की तिथि किसी कैलेंडर में 6 तो किसी में 7 मार्च को बताई जा रही है.
वाराणसी के प्रसिद्ध ज्योतिषाचार्य आचार्य रामानुज के अनुसार इस बार पूर्णिमा तिथि 6 मार्च की शाम तकरीबन साढ़े 4 बजे शुरू होगी और अगले दिन 7 तारीख की शाम को लगभग 6.10 तक रहेगी. बात करें इस दिन के भद्रा की तो यह 6 मार्च को दोपहर बाद लगभग 4:18 से शुरु होते हुए 7 मार्च की सुबह सूर्य के उदित होने तक रहेगी. इस काल में भद्रा का पुच्छ काल 6 और 7 मार्च के बीच की रात में 12.40 से 2 बजे तक रहेगा.
इस समय करें होलिका पूजन
होली की पूजा विशेष तौर पर पूर्णिमा तिथि में सूर्यास्त के समय करने का विधान है. होलिका पूजन के लिए 6 मार्च को संध्याकाल में 6.24 से 6.48 के बीच का समय अति उत्तम रहेगा. इस दिन पूरे विधि विधान से अपने इष्ट की पूजा करें.
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इस समय करें होलिका दहन
होलिका दहन के लिए ज्योतिषाचार्य रामानुज कहते हैं कि इसके लिए 6 और 7 मार्च के मध्य की रात में 12.40 से 2 बजे के बीच का समय अति शुभ रहेगा. 7 मार्च की शाम को पूर्णिमा तिथि के 6.10 तक रहने के कारण होलिका दहन के लिए इस समय का निर्धारण किया गया है. क्योंकि होलिका दहन सूर्यास्त के बाद होता है. वहीं इस दिन पूर्णिमा सूर्यास्त से पहले ही खत्म हो रही है.