बंगाल की सीएम ममता बनर्जी की तृणमूल कांग्रेस की सरकार को कलकत्ता हाईकोर्ट से बड़ा झटका लगा है। अभी हाल ही में केंद्र की मोदी सरकार द्वारा बनाए गये नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) और एनआरसी के विरोध में टीएमसी और सीएम ममता बनर्जी ने कई सारी रैलियां की थी ।
टीएमसी ने सीएए और एनआरसी को खारिज कर दिया। जिसके बाद टीएमसी सरकार ने राज्यभर में नागरकिता संशोधन कानून (सीएए) और एनआरसी (एनआरसी) के विरोध में शहर भर में पोस्टर लगाए थे, जिसे अब हाईकोर्ट ने हटाने को कह दिया है। चीफ जस्टिस की अगुवाई वाली डिविजन बेंच ने कहा है कि सभी सार्वजनिक स्थानों से वह पोस्टर और विज्ञापन हटा दें जिसके जरिए सीएए और एनआरसी का विरोध किया जा रहा है।
एंटी सीएए-एनआरसी विज्ञापनों के खिलाफ वकीलों के एक समूह ने याचिका दायर की थी। वह टीएमसी सरकार के उस फैसले के खिलाफ अदालत गए जिसके तहत टीवी, वेबसाइट्स और अखबारों को सीएए और एनआरसी के विरोध में विज्ञापन जारी किए थे। इन विज्ञापनों में यह बताया गया था कि पश्चिम बंगाल सरकार सीएए और एनआरसी के खिलाफ है और इसे वह लागू नहीं करेगी।
दायर की गई याचिका में में कहा गया कि सरकार अपना प्रचार करने के लिए जनता के पैसों का इस्तेमाल कर रही है। ऐसे में कोर्ट ने कहा कि कुछ समय के लिए इन विज्ञापनों पर रोक लगा दें। इस मामले पर अगली सुनवाई 9 जनवरी को होगी। वहीं भाजपा नेता राहुल सिन्हा ने इस मामले पर कहा कि यह संविधान की जीत है क्योंकि टीएमसी उसका अपमान कर रही थी