म्यांमार में सैन्य तख्तापलट के खिलाफ लोगों का गुस्सा थमने का नाम नहीं ले रहा है। तमाम पाबंदियों के बावजूद राजधानी नेपीता और यंगून समेत कई शहरों में फिर हजारों की संख्या में प्रदर्शनकारी सड़कों पर उतरे और तख्तापलट का विरोध किया। पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को खदेड़ने के लिए कई जगहों पर बल प्रयोग किया। कुछ स्थानों पर पानी की तेज बौछारों का इस्तेमाल भी किया।
कई शहरों में कर्फ्यू
Myanmar की सेना गत एक फरवरी को नेशनल लीग फॉर डेमोक्रेसी (एनएलडी) की सरकार को अपदस्थ कर सत्ता पर काबिज हो गई। देश की सर्वोच्च नेता आंग सान सू की समेत कई शीर्ष नेताओं को हिरासत में ले लिया गया। इसके बाद से ही पूरे देश में विरोध प्रदर्शनों का दौर जारी है। सेना ने प्रदर्शनों पर अंकुश लगाने के प्रयास में लोगों के जमावड़ों पर रोक लगाने के साथ ही कई शहरों में Curfew लगा दिया है। इंटरनेट पर भी रोक लगा दी है।
सेना ने कर्मचारियों को दी चेतावनी
सैन्य शासकों ने देश में नए सिरे से चुनाव कराने का वादा करने के साथ ही सरकारी कर्मचारियों से दफ्तरों में लौटने की अपील की है। यह चेतावनी भी दी है कि काम पर नहीं लौटने वालों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। इसके बावजूद लोग विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं।
प्रदर्शनकारियों और पुलिस में झड़प
यंगून और नेपीता में गुरुवार को भी हजारों लोग सड़कों पर उतरे और शांतिपूर्ण तरीके से बैनरों व पोस्टरों के जरिए अपने गुस्से को जाहिर किया। देश के सबसे प्राचीन शहर बगान में भी लोगों ने विरोध प्रदर्शन किया। इससे पहले Myanmar के दूसरे सबसे बड़े शहर मांडले में बुधवार रात प्रदर्शनकारियों और पुलिस में झड़प हुई थी। यहां गोलियों की भी आवाज सुनी गई थी।
सिंगापुर की अपील, नहीं करें फायरिंग
सिंगापुर के विदेश मंत्रालय ने निहत्थे प्रदर्शनकारियों पर किसी भी स्थिति में फायरिंग नहीं करने की अपील की है। बता दें कि म्यांमार में तख्तापलट के बाद प्रदर्शनकारियों पर पुलिस की फायरिंग के कई मामले सामने आ चुके हैं।