स्वास्थ्यकर्मियों, फ्रंटलाइन वर्कर्स और अधिक आयु वर्ग के प्राथमिकता वाले समूहों को Corona की वैक्सीन लगाने के बाद इस साल जून से जनगणना और एनपीआर को अपडेट करने की प्रक्रिया शुरू हो सकती है। जून तक पांच राज्यों में चुनाव का काम भी पूरा हो जाएगा। 130 साल में पहली बार Corona महामारी के कारण जनगणना की प्रक्रिया को रोकना पड़ा था। अब इसे अगले साल फरवरी तक पूरा करने की तैयारी है।
पहले आशंका जताई जा रही थी कि वैक्सीन की सीमित उपलब्धता और 30 करोड़ प्राथमिकता वाले समूह की बड़ी संख्या के कारण इसमें काफी लंबा समय लग सकता है। लेकिन Corona महामारी की जानकारी रखने वाले हेल्थकेयर वर्कर्स में लगभग 70 % ने ही वैक्सीन ली है। इसी अनुपात में यदि फ्रंटलाइन वर्कर्स और 50 साल से अधिक उम्र के लोग भी वैक्सीन लेते हैं तो पहले की तुलना में अपेक्षाकृत कम वैक्सीन की जरूरत पड़ेगी। जाहिर है ऐसे में प्राथमिकता वाले समूहों को वैक्सीन लगाने की प्रक्रिया जून तक पूरी हो सकती है। इसके साथ ही 5 राज्यों के विधानसभा चुनाव मई तक समाप्त होने के बाद वहां के कर्मचारी भी जनगणना के लिए उपलब्ध हो जाएंगे। दो महीने की देरी से शुरू होने के बावजूद जनगणना का पहला चरण और NPR अपडेट करने की प्रक्रिया 31 अक्टूबर तक पूरा करने की कोशिश होगी ताकि एक फरवरी से मूल जनगणना का काम शुरू हो सके।
पहली बार डिजिटल होगी जनगणना
उच्च पदस्थ सूत्रों के अनुसार, रजिस्ट्रार जनरल आफ इंडिया जनगणना और NPR को अपडेट करने की तैयारी पिछले साल ही पूरी कर चुका है। जनगणना के दौरान डाटा जुटाने वाले कर्मियों की ट्रेनिंग भी हो चुकी है। पहली बार डिजिटल होने वाली जनगणना की पूरी तैयारी होने के बावजूद Corona के कारण 25 मार्च को लागू Lockdown के कारण इसे स्थगित करना पड़ा था।
जनगणना की प्रक्रिया 2 फेज में की जाती पूरी
सामान्य तौर पर जनगणना की प्रक्रिया 2 फेज में पूरी की जाती है। एक अप्रैल से 30 सितंबर तक पहले फेज में देश में सभी घरों और उनमें रहने वाले मवेशियों की गणना की जाती है। 2011 में पहली बार इस दौरान आम लोगों की सामाजिक व आर्थिक स्थिति का पता लगाने के लिए NPR के डाटा भी पहले फेज में जुटाए गए थे। 2021 में भी NPR के इन डाटा को कई अन्य बिंदुओं पर अपडेट करने की तैयारी थी।