IPS Story, Viral Video: महाराष्ट्र के सोलापुर का एक वीडियो वायरल हो रहा है, जिसमें IPS अंजना कृष्णा और डिप्टी सीएम अजित पवार के बीच तीखी बहस देखने को मिली. अंजना ने फोन पर अजित पवार को पहचानने से इनकार कर दिया जिससे मामला गरमा गया, लेकिन इस घटना ने अंजना की हिम्मत और ईमानदारी को सुर्खियों में ला दिया.आइए जानते हैं कि कौन हैं IPS अंजना कृष्णा और उन्होंने यूपीएससी कब पास की?
कौन हैं IPS अंजना कृष्णा?
IPS अंजना कृष्णा का पूरा नाम अंजना कृष्णा वी.एस.है. वो 2023 बैच की IPS अधिकारी हैं और इस समय महाराष्ट्र के सोलापुर जिले में करमाला की डिप्टी सुपरिटेंडेंट ऑफ पुलिस (DSP) के पद पर तैनात हैं. अपनी ईमानदारी और तेज-तर्रार अंदाज के लिए जानी जाने वाली अंजना ने UPSC सिविल सेवा परीक्षा 2022-23 में AIR-355 हासिल किया था.अंजना का जन्म केरल के तिरुवनंतपुरम में हुआ और वो मलयंकीजू की रहने वाली हैं. उनके परिवार की पृष्ठभूमि साधारण है. उनके पिता बीजू एक छोटे-मोटे कपड़े के व्यापारी हैं और मां सीना कोर्ट में टाइपिस्ट का काम करती हैं. अंजना की शुरुआती पढ़ाई सेंट मैरीज सेंट्रल स्कूल पूजप्पुरा से हुई. इसके बाद उन्होंने HHMSPB NSS कॉलेज फॉर वुमेन नीरामंकरा, तिरुवनंतपुरम से BSc गणित में डिग्री हासिल की.पढ़ाई में हमेशा अव्वल रहने वाली अंजना ने इसके बाद UPSC की तैयारी शुरू की.उन्होंने मलयालम साहित्य को वैकल्पिक विषय के तौर पर चुना और अंग्रेजी माध्यम में परीक्षा दी. उन्होंने 2022-23 में ऑल इंडिया 355वीं रैंक हासिल की और वह IPS अधिकारी बन गई.
क्या हुआ था सोलापुर में?
ये पूरा मामला सोलापुर के माढा तालुका के कुर्डू गांव में शुरू हुआ, जहां अवैध मुरुम खनन की शिकायतें मिल रही थीं. DSP अंजना कृष्णा कार्रवाई के लिए मौके पर पहुंचीं. वहां स्थानीय ग्रामीणों और NCP कार्यकर्ता बाबा जगताप से उनकी बात हुई. जगताप ने सीधे डिप्टी सीएम अजित पवार को फोन मिला दिया और कॉल अंजना को थमा दी. अजित पवार ने फोन पर खुद को DCM अजित पवार बताते हुए कार्रवाई रोकने को कहा लेकिन अंजना ने जवाब दिया कि मैं आपको नहीं जानती, कृपया अपने आधिकारिक नंबर से कॉल करें.
इस पर अजित पवार भड़क गए और बोले-तुम पर कार्रवाई करूंगा, इतनी हिम्मत है तुम्हारी? मेरा चेहरा तो पहचानोगी ना.फिर उन्होंने वीडियो कॉल की और तहसीलदार से बात करने को कहा. ये बहस करीब तीन घंटे चली और अब इसका वीडियो सोशल मीडिया पर छाया हुआ है. ग्रामीणों का दावा था कि खनन ग्राम पंचायत की अनुमति से हो रहा था, लेकिन वो कोई आधिकारिक दस्तावेज नहीं दिखा सके. अंजना ने अपनी कार्रवाई जारी रखी. इस मामले में अभी कोई पुलिस शिकायत दर्ज नहीं हुई है और अंजना, तहसीलदार या प्रांताधिकारी ने कोई बयान नहीं दिया.बस इतना कहा गया कि मामले की जांच चल रही है.