Ganesh Chaturthi 2022: भगवान गणेश (Ganesh Chaturthi) का उत्सव भाद्रपद के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि यानी 31 अगस्त से शुरू हो रहा है। गणेश उत्सव पूरे 10 दिनों तक चलते हुए 9 सितंबर को समाप्त होगा। गणेश चतुर्थी (Ganesh Chaturthi) के दिन घरों में भगवान गणेश की मूर्ति स्थापित की जाती है। कहा जाता है कि गणेश उत्सव के दौरान जो भी व्यक्ति पूरी श्रद्धा के साथ गणेश जी की पूजा विधिवत तरीके से करता है, तो उसकी हर एक मनोकामना पूर्ण होती है। अगर आप भी इस साल गणेश चतुर्थी (Ganesh Chaturthi) के दिन भगवान गणेश की मूर्ति स्थापित करने जा रहे हैं, तो पहले ये मूर्ति खरीदने से पहले ये बातें जान लें, जिससे कि पूजा का पूर्ण फल प्राप्त हो।
गणेश जी की ऐसी मूर्ति लाएं घर
भगवान गणेश की मूर्ति खरीदते समय उनकी मुद्रा पर जरूर ध्यान रखें। वास्तु के अनुसार माना जाता है कि ललितासन यानी बैठी हुई मुद्रा में गणेश जी की मूर्ति सबसे अच्छी होती है। इस मूर्ति को घर लाने से सुख-समृद्धि और शांति आती है। इसके अलावा गणपति जी की लेटे हुए अवस्था में मूर्ति लाना भी माना जाता है शुभ।
गणपति जी की सूंड की दिशा
वास्तु शास्त्र के अनुसार, गणपति बप्पा के बैठने की मुद्रा के साथ-साथ उनके सूंड की दिशा का ध्यान रखना भी बेहद जरूरी है। वास्तु के अनुसार, गणपति जी की सूंड बाईं ओर झुकी होनी चाहिए। ऐसी मूर्ति स्थापित करने से सुख-समृद्धि के साथ सफलता मिलती है। वहीं दाएं ओर वाली झुकी हुई सूंड वाले गणेश जी को प्रसन्न करना काफी मुश्किल है।
मूषक और मोदक
घर में गणपति बप्पा की मूर्ति लाते समय इस बात का जरूर रखें कि मूर्ति में मूषक हो और हाथों में मोदक हो। क्योंकि मोदक भगवान को अति प्रिय है और मूषक गणेश जी का वाहन है।
इस रंग की लाएं मूर्ति
वास्तु शास्त्र के अनुसार आत्म विश्वास जगाने के लिए लाल सिंदूर के रंग की गणेश मूर्ति घर लाएं और सुख-समृद्धि और शांति के लिए सफेद रंग की गणेश जी की मूर्ति घर लाएं।
इस दिशा में करें गणेश जी की मूर्ति स्थापित
वास्तु शास्त्र के अनुसार, भगवान गणेश की मूर्ति स्थापना करते समय दिशा का सबसे अधिक ध्यान रखें। इसलिए गणेश जी की मूर्ति उत्तर दिशा में रखें। क्योंकि इस दिशा में मां लक्ष्मी के साथ शिवजी भी वास करते हैं। इसके साथ ही उनका मुख घर के मुख्य द्वार की ओर होना चाहिए।