Gyanvapi News: उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) स्थित वाराणसी में दिला अदालत (varanasi court) ने कथित शिवलिंग की कार्बन डेटिंग जाने की याचिका पर जिला अदालत का फैसला टल गया है। अब 11 अक्टूबर को सुनवाई होगी। इस साल मई में ज्ञानवापी मस्जिद (Gyanvapi Masjid) का सर्वे हुआ था। इस पर हिंदू पक्ष ने दावा किया था कि मस्जिद के वजूखाने के बीच में एक शिवलिंग मिला है।
मुस्लिम पक्ष उसे फब्वारा बता रहा है। याचिकाकर्ताओं की मांग है ‘शिवलिंग’ की कार्बन डेटिंग के साथ-साथ वैज्ञानिक जांच कराई जाए। इसके साथ ही उनकी यह मांग भी है कि इसके लिए शिवलिंग को किसी तरह का नुकसान न पहुंचाया जाए। इसका मकसद यह पता करना है कि यह फव्वारा है या शिवलिंग। इसके लिए कार्बन डेटिंग से वैज्ञानिक साक्ष्य मिलेगा।
दोनों पक्षों का अलग-अलग दावा
ज्ञानवापी मस्जिद (Gyanvapi Masjid) को लेकर चल रहे अलग-अलग मामलों को लेकर हिंदू और मुस्लिम पक्ष आमने-सामने हैं। मुस्लिम पक्ष का दावा है कि ज्ञानवापी मस्जिद सैकड़ों वर्ष पुरानी है। वहीं, हिंदू पक्ष का दावा है कि पूरी संपत्ति भगवान विश्वेश्वर की है।
मुस्लिम पक्ष मस्जिद पर अपना अधिकार होने का दावा कर रहा है, वहीं, हिंदू पक्ष ने आरोप लगाया है कि मुगल आक्रांता औरंगजेब ने इस जगह पर जबरन कब्जा किया था। अदालत के सर्वे के आदेश को मुस्लिम पक्ष ने गलत बताया था, वहीं, हिंदू पक्ष ने कोर्ट के आदेश का समर्थन किया था।
वाराणसी में ज्ञानवापी मस्जिद (Gyanvapi Masjid) के वजुखाने में अदालत के आदेश के तहत किए गए सर्वे के दौरान एक पत्थर मिला था, जिसे हिंदू पक्ष शिवलिंग बता रहा है, वहीं मुस्लिन पक्ष ने इसे फव्वारा बताया है। मुस्लिम पक्ष ने अदालत से मस्जिद में यथास्थिति बरकरार रखने की अपील की है। वहीं, हिंदू पक्ष ने मस्जिद परिसर में देवी श्रृंगार गौरी की पूजा का अधिकार मांगा है।