covaxin vs covieshield

1 मई से 18+ का टीकाकरण: राज्यों ने खड़े किए हाथ, केंद्र ने बताया- किसके पास कितना स्टॉक

देश में कोरोना का असर कम करने के लिए वैक्सीनेशन की प्रक्रिया जारी है. 1 मई के वैक्सीनेशन को और तेज करते हुए 18 + लोगों का भी वैक्सीनेशन होगा. हालांकि इस मिशन को मनचाही रफ्ता मिलने में देरी हो सकती है. कुछ राज्य सरकारों का कहना है कि उनके पास पर्याप्त मात्रा में टीके नहीं हैं. ऐसे में हर जगह वैक्सीनेशन होना मुश्किल है. दूसरी ओर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रलाय ने बुधवार को कहा कि राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के पास कोविड-19 रोधी एक करोड़ से अधिक टीके उपलब्ध हैं और अगले तीन दिनों में 57,70,000 और टीके उन्हें मिलेंगे.

मंत्रालय ने कहा कि केंद्र सरकार ने अब तक राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को 15,95,96,140 टीके निशुल्क उपलब्ध कराए हैं. इनमें से खराब होने वाले टीकों समेत कुल 14,89,76,248 टीकों की खपत हो चुकी है. उसने बताया कि राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के पास कोविड-19 रोधी 1,06,19,892 और टीके उपलब्ध हैं. उसने कहा, ‘राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों को अगले तीन दिनों में 57 लाख से अधिक और टीके मिलेंगे.’

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार अतिरिक्त सचिव मनोहर अगहानी द्वारा लिखे गए एक पत्र में कहा गया है, ‘मैन्यूफैक्चरर से वैक्सीन की 50% सप्लाई भारत सरकार के लिए होती है. ये टीके मौजूदा प्राथमिकता वाले लाभार्थियों के लिए ही राज्यों / केंद्रशासित प्रदेशों को दिए जाएंगे, यानी इन टीकों से हेल्थ केयर वर्कर्स (HCWs), फ्रंट लाइन वर्कर्स (FLW) और 45 वर्ष से अधिक आयु के व्यक्ति का ही वैक्सीनेशन हो सकता है.’

कहा गया है कि मैन्युफैक्चरर से वैक्सीन की बाकी 50 प्रतिशत सप्लाई का इस्तेमाल राज्य / केंद्रशासित प्रदेश सरकार, निजी अस्पतालों और औद्योगिक प्रतिष्ठानों के अस्पतालों में 18-44 वर्ष या उससे अधिक आयु के व्यक्तियों के टीकाकरण के लिए किया जा सकता है.

इसके साथ ही कांग्रेस और उसके सहयोगी दलों द्वारा शासित चार राज्यों ने केन्द्र पर टीका निर्माताओं से मिले टीकों के स्टॉक पर ‘कब्जा’ करने का आरोप लगाते हुए इस बात पर संदेह जताया कि वे एक मई से 18-45 आयु वर्ग के लोगों के टीकाकरण की शुरुआत कर पाएंगे. उन्होंने केन्द्र पर उनके साथ ‘सौतेले’’ व्यवहार का आरोप लगाया और सभी व्यस्कों को मुफ्त में टीके की खुराकें मुहैया कराने का अनुरोध किया.

छत्तीसगढ़, राजस्थान, पंजाब और झारखंड (कांग्रेस-जेएमएम गठबंधन द्वारा शासित राज्य) के स्वास्थ्य मंत्रियों ने पूछा कि जब केन्द्र पहले ही ‘स्टॉक पर कब्जा’ कर चुका है और उनके पास खुराकें उपलब्ध नहीं तो वे सभी व्यस्कों को टीके कैसे लगाएंगे. उन्होंने कहा कि वे एक मई से टीकाकरण अभियान के अगले चरण के लिये तैयार हैं, लेकिन निर्माताओं ने उन्हें टीके की खुराकें उपलब्ध कराने में अक्षमता प्रकट की है.

राजस्थान के स्वास्थ्य मंत्री रघु शर्मा ने कहा, ‘सीरम इंस्टिट्यूट ने कहा है कि वह 15 मई तक टीके उपलब्ध कराने की स्थिति में नहीं है, तो हम 18 से 45 साल के लोगों को टीके कैसे लगाएंगे. हमारे पास टीके लगाने की क्षमता है लेकिन टीके नहीं हैं. राज्यों को आपूर्ति की जानी चाहिये. भारत सरकार को उन्हें उनकी आवश्यकता के अनुसार टीके प्रदान करने चाहिये.’

छत्तीसगढ़ के स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंह देव ने कहा, ‘यदि टीके ही उपलब्ध नहीं हैं तो टीकाकरण कैसे किया जा सकता है? हम टीके कैसे मुहैया कराएंगे? हम हमें प्रदान किये गए टीकों के साथ टीकाकरण के लिये तैयार हैं.’ उन्होंने कहा कि टीकाकरण प्रमाणपत्र पर प्रधानमंत्री की तस्वीर लगाकर राजनीति की जा रही है. देव ने कहा, ‘देश को गुमराह किया जा रहा है. केन्द्र ने इसका मजाक बनाकर रख दिया है.’

पंजाब के स्वास्थ्य मंत्री बलबीर सिंह सिद्धू ने कहा, ‘हमारे साथ सौतेला व्यवहार किया जा रहा है. केन्द्र सरकार को टीके और आवश्यक जीवन रक्षक दवाएं प्रदान करनी चाहियें.’ सिद्धू ने कहा, ‘यदि केन्द्र हमें सहयोग नहीं देगा तो हम टीकाकरण अभियान कैसे शुरू कर सकते हैं? हमारे पास बहुत कम टीके बचे हैं. केन्द्र को टीकों का आवंटन कर हमें प्रदान करने चाहिये.’

झारखंड के स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता ने प्रधानमंत्री पर महामारी के दौरान भी राजनीतिक लाभ उठाने की कोशिश करने का आरोप लगाया. उन्होंने कहा, ‘हमारे जैसे कांग्रेस शासित राज्यों के साथ सौतेला व्यवहार किया जा रहा है. प्रधानमंत्री हर बात का राजनीतिकरण कर रहे हैं और हमें कोरोना वायरस से लोगों के बचाने तथा राजनीतिक लड़ाई समेत दो-दो मोर्चों पर जंग लड़नी पड़ रही है.’ उन्होंने कहा, ‘केन्द्र सरकार ने (निर्माताओं) की उत्पादन क्षमता पर कब्जा कर लिया है और 150 रुपये प्रति खुराक के हिसाब से खुराकें खरीदने का सौदा किया है. एक संविधान, एक कर की बात करने वाली सरकार टीकों के अलग-अलग दामों के जरिये महामारी के दौरान भी लाभ उठाने के प्रयास कर रही है.’

महाराष्ट्र द्वारा टीकों की कमी का मुद्दा उठाए जाने पर स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि हाल ही में राज्य सरकार के कुछ अधिकारियों के हवाले से मीडिया की कुछ खबरों में बताया गया कि राज्य में टीके खत्म हो गए हैं जिससे राज्य में टीकाकरण अभियान पर प्रतिकूल असर पड़ रहा है. मंत्रालय ने कहा, ‘यह स्पष्ट किया जाता है कि महाराष्ट्र को 28 अप्रैल सुबह आठ बजे तक कोविड-19 रोधी टीकों की 1,58,62,470 खुराक दी गई. इनमें से खराब (0.22 प्रतिशत) होने वाले टीकों के साथ ही 1,53,56,151 टीकों की खपत हुई. राज्य के पास अब भी 5,06,319 टीके उपलब्ध हैं.’

बताया कि महाराष्ट्र को अगले तीन दिनों में 5,00,000 और टीके भेजे जाएंगे. आधिकारिक आंकड़े के अनुसार, दिल्ली को 36,90,710 टीके मिले हैं और खराब होने वाले टीकों के साथ ही टीकों की कुल खपत 32,43,300 है. उसके पास अब भी 4,47,410 टीके उपलब्ध हैं और 1,50,000 टीके दिए जाएंगे.

राजस्थान को अब तक 1,36,12,360 टीके दिए गए हैं. राज्य के पास अब 3,92,002 टीके उपलब्ध हैं और 2,00,000 टीकों की आपूर्ति की जानी है. आंकड़ों के मुताबिक, उत्तर प्रदेश को 1,37,96,780 टीके दिए गए हैं और खराब होने वाले टीकों समेत कुल 1,25,03,943 टीकों की खपत हो चुकी है. राज्य के पास अब भी 12,92,837 टीके हैं तथा उसे 7,00,000 और टीके दिए जाएंगे.

पश्चिम बंगाल को 1,09,83,340 टीके दिए गए हैं और उसके पास अब 2,92,808 टीके हैं तथा 4,00,000 टीके दिए जाने हैं. आंकड़ों के अनुसार, कर्नाटक को 94,47,900 टीके दिए गए और 91,01,215 टीकों की खपत हो चुकी है. उसके पास 3,46,685 टीके उपलब्ध हैं तथा 4,00,000 और टीके दिए जाने हैं. छत्तीसगढ़ को 59,16,550 टीके दिए गए हैं. राज्य के पास 3,38,963 टीके उपलब्ध हैं और 2,00,000 टीकों की आपूर्ति की जाएगी.

केंद्र की कोविड-19 महामारी से लड़ने के लिए पांच सूत्री रणनीति के तौर पर जांच, संपर्क में आए लोगों का पता लगाने, इलाज करने और कोविड-19 को फैलने से रोकने के लिए उचित व्यवहार करने के साथ ही टीकाकरण भी अहम हिस्सा है. मंत्रालय ने बताया कि कोविड-19 टीकाकरण का तीसरा चरण एक मई से शुरू होगा. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा है कि 18 साल से अधिक आयु के सभी नागरिक कोविड-19 रोधी टीका लगवाने के लिए बुधवार को शाम चार बजे से कोविन पोर्टल या आरोग्य सेतु ऐप के जरिए पंजीकरण करा सकते हैं. देश में कोविड-19 के खिलाफ लड़ाई में टीकाकरण अभियान 16 जनवरी को शुरू हुआ था.

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