उत्तर प्रदेश में 11 विधान परिषद की सीटों के लिए आज वोटिंग शुरू हो गयी है। इनमें से 6 शिक्षक और 5 स्नातक कोटे की MLC सीट के लिए 199 उम्मीदवार मैदान में हैं। इस चुनाव में बीजेपी, समाजवादी पार्टी, कांग्रेस और शिक्षक संघ के अलावा निर्दलीय प्रत्याशी भी मैदान में हैं। वहीं इस चुनाव से बहुजन समाज पार्टी ने दूरी बनाई हुई हैं।
सबसे दिलचस्प है गोरखपुर फैज़ाबाद की सीट से खड़े अजय सिंह जिन्हे वित्तविहीन, मदरसा, तदर्थ, डिग्री कॉलेज एवं ऐडेड सभी का भरपूर समर्थन दिखाई दिया। बताते चलें यह वही अजय सिंह हैं जिन्होने वित्तविहीन शिक्षकों के आंदोलन में अपना सबकुछ झोंक दिया था, इनके प्रचार के दौरान भारी जनसमर्थन देखने को मिला। गोरखपुर फैज़ाबाद उन सीटों में से एक है जहाँ बीजेपी ने कोई उम्मीदवार नहीं उतारा। जानकार यहाँ से इनकी जीत को लेकर आश्वस्त दिख रहे हैं।
निर्वाचन आयोग के अनुसार, मतदान सुबह आठ बजे से शुरू होकर शाम पांच बजे तक चलेगा, जबकि इस चुनाव का परिणाम 3 दिसंबर को घोषित किया जाएगा। यही नहीं, शासन-प्रशासन ने चुनाव सकुशल संपन्न कराने के लिए अपनी तैयारी पूरी कर ली है। चुनाव में BJP और समाजवादी पार्टी के बीच तगड़ा मुकाबला देखने को मिल रहा है।
बीजेपी के लिए अहम चुनाव
उत्तर प्रदेश में सत्तारूढ़ पार्टी BJP के लिए यह चुनाव काफी अहम् माना जा रहा है, क्योंकि इस चुनाव को जीतकर वह विधान परिषद में भी संख्या बल बढ़ाना चाहती है। इसी वजह से BJP ने स्नातक निर्वाचन खंड की सभी 5 सीटों से और शिक्षक निर्वाचन खंड की 6 में से 4 सीटों पर सीधे तौर पर अपने प्रत्याशी उतारे हैं।
वहीं स्नातक निर्वाचन खंड की एक सीट पर बीजेपी ने शिक्षक संघ के प्रत्याशी को समर्थन दिया है तो एक अन्य सीट को छोड़ दिया है। इसके अलावा समाजवादी पार्टी ने भी सभी 11 सीटों पर अपने प्रत्याशी मैदान में उतारे हैं। इसके चलते दोनों दलों के शिक्षक संगठनों के प्रत्याशियों के बीच मुकाबला जोरदार माना जा रहा है।
बीजेपी ने उतारे ये प्रत्याशी
बीजेपी से स्नातक कोटे की सीटों के लिए लखनऊ से अवनीश सिंह पटेल, वाराणसी से केदारनाथ सिंह, आगरा से मानवेंद्र सिंह, मेरठ से दिनेश गोयल और इलाहाबाद झांसी से डॉ. यज्ञदत्त शर्मा को मैदान में उतारा हैं। वहीं, शिक्षक कोटे के लिए बीजेपी की ओर से लखनऊ से उमेश द्विवेदी, आगरा से दिनेश वशिष्ठ, मेरठ से शिरीषचंद्र शर्मा और बरेली-मुरादाबाद से हरि सिंह ढिल्लो प्रत्याशी हैं। इनमें से उमेश द्विवेदी पहले भी एमएलसी रह चुके हैं और एक लम्बे समय तक वित्तविहीन शिक्षक महासभा ककी अध्यक्ष भी रहे हैं, जानकार इनकी जीत को लेकर भी काफी आश्वस्त हैं।
सबसे ज्यादा उम्मीदवार मेरठ स्नातक क्षेत्र में
निर्वाचन आयोग द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार, स्नातक क्षेत्र के सबसे ज्यादा 30 उम्मीदवार मेरठ में हैं, जबकि सबसे कम 11 उम्मीदवार लखनऊ शिक्षक खंड निर्वाचन क्षेत्र में अपनी किस्मत आजमा रहे हैं। इसके अलावा आगरा स्नातक खंड क्षेत्र में 22, इलाहाबाद-झांसी स्नातक खंड क्षेत्र में 16, लखनऊ खंड स्नातक क्षेत्र में 24, वाराणसी खंड स्नातक में 22 से उतरें हैं।
इसके अलावा आगरा खंड शिक्षक क्षेत्र में 16, बरेली-मुरादाबाद खंड शिक्षक क्षेत्र में 15, गोरखपुर-फैजाबाद खंड शिक्षक क्षेत्र में 16, मेरठ खंड शिक्षक क्षेत्र में 15 और वाराणसी खंड शिक्षक क्षेत्र में 12 उम्मीदवार मुकाबले में हैं।
शर्मा गुट की साख दांव पर
मेरठ क्षेत्र में शिक्षक और स्नातक कोटे के एमएलसी चुनाव में अभी तक ओम प्रकाश शर्मा गुट पूरी तरह हावी दिखा है, शर्मा ग्रुप पिछले 48 साल से लगातार एमएलसी निर्वाचित होते आ रहे हैं और इस बार 9 वीं बार फिर से मैदान में हैं। लेकिन इस बार के चुनाव में बीजेपी और सपा ने शर्मा गुट के सियासी वर्चस्व तोड़ने के लिए शिक्षक कोटे की सीटों पर पहली बार अपने उम्मीदवार उतारे हैं।
छह मई को पूरा हो चूका कार्यकाल
उल्लेखनीय है कि लखनऊ खंड स्नातक क्षेत्र से कांति सिंह, वाराणसी खंड स्नातक से केदार नाथ सिंह, आगरा खंड स्नातक से डॉक्टर असीम यादव, मेरठ खंड स्नातक से हेम सिंह पुंडीर, इलाहाबाद-झांसी खंड स्नातक से डॉक्टर यज्ञदत्त शर्मा तथा लखनऊ खंड शिक्षक से उमेश द्विवेदी, वाराणसी खंड शिक्षक से चेत नारायण सिंह, आगरा खंड शिक्षक से जगवीर किशोर जैन, मेरठ खंड शिक्षक से ओमप्रकाश शर्मा, निर्वाचित विधान परिषद सदस्य का कार्यकाल 6 मई को पूरा हो चुका है जोकि कोरोना के चलते टाला गया था।

