उपेंद्र कुशवाहा ने अपनी हार पर नाराजगी जताई है. उन्होंने कहा है कि हारा हूं या हराया गया हूं ये सबको पता है. पवन सिंह फैक्टर बना या बनाया गया, ये भी सभी को मालूम है. कुशवाहा बिहार के काराकाट लोकसभा सीट एनडीए गठबंधन के उम्मीदवार थे. मगर उन्हें यहां करारी हार झेलनी पड़ी. वह तीसरे स्थान पर रहे.
उत्तर प्रदेश के बाद बिहार एनडीए में भी तनातनी की खबरें सामने आ रही हैं. राष्ट्रीय लोक मोर्चा के सुप्रीमो उपेंद्र कुशवाहा ने अपनी हार पर नाराजगी जताई है. उन्होंने कहा है कि हारा हूं या हराया गया हूं ये सबको पता है. पवन सिंह फैक्टर बना या बनाया गया, ये भी सभी को मालूम है. कुशवाहा बिहार के काराकाट लोकसभा सीट एनडीए गठबंधन के उम्मीदवार थे. मगर उन्हें यहां करारी हार झेलनी पड़ी.
वह तीसरे स्थान पर रहे. काराकाट लोकसभा सीट से सीपीआईएम के राजा राम सिंह ने बाजी मारी है. उन्होंने निर्दलीय पवन सिंह को 105858 लाख वोट से हराया. राजा राम सिंह को 380581 लाख वोट मिले. वहीं, पवन सिंह 274723 लाख वोट पाकर दूसरे स्थान पर रहे. कुशवाहा को 253876 लाख वोट हासिल हुए. पवन सिंह और कुशवाहा के बीच वोट का अंतर 20,847 रहा.
यूपी बेटे प्रवीण निषाद की हार पर बिफरे संजय निषाद
उत्तर प्रदेश में भी बीजेपी को बड़ा झटका लगा. पहले के दो चुनाव में लगभग क्लीन स्वीप कर देने वाली बीजेपी इस बार यूपी में दूसरे नंबर की पार्टी बन गई है. बीजेपी के कई दिग्गज चुनाव हार गए. सहयोगी दलों को भी झटका लगा है. निषाद पार्टी के नेता संजय निषाद के बेट प्रवीण निषाद भी चुनाव हार गए. बेटे की हार पर संजय निषाद ने बड़ा बयान दिया.
उन्होंने कहा कि बीजेपी की वजह से मेरा बेटा चुनाव हार गया. यूपी में बीजेपी को 33 सीटें आई हैं. वहीं, समाजवादी पार्टी ने इस बार यूपी में जबरदस्त प्रदर्शन किया है. उसे 37 सीटें मिली हैं. संजय निषाद के प्रवीण निषाद की संत कबीरनगर से हार हुई. सपा के लक्ष्मीकान्त निषाद ने प्रवीण निषाद को 92170 हजार वोट से हराया. लक्ष्मीकान्त निषाद को 498695 लाख वोट मिले जबकि प्रवीण को 406525 वोट हासिल हुए.
UP में BJP के खराब प्रदर्शन पर क्या बोले धर्मवीर प्रजापति?
वहीं, यूपी में बीजेपी के खराब प्रदर्शन पर उत्तर प्रदेश सरकार के मंत्री धर्मवीर प्रजापति ने बड़ी बात कही. उन्होंने कहा कि संविधान और आरक्षण बीजेपी के लिए नुकसानदेह साबित हुआ. हम इन आरोपों का जवाब नहीं दे पाए. कुछ उम्मीदवार के खिलाफ नाराजगी थी, इसका आकलन नहीं हुआ. ओमप्रकाश राजभर और संजय निषाद के बेटे चुनाव हार गए. उनके बयानों ने नुकसान पहुंचाया. राजभर के बेटे अरविंद राजभर घोषी से चुनाव लड़ रहे थे. उन्हें हार का सामना करना पड़ा. संजय निषाद के बेटे प्रवीण को संतकबीरनगर से हार हुई.