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उपेंद्र कुशवाहा के बयान से बिहार में सियासी हलचल तेज

सालों बाद JDU में लौटे और संसदीय बोर्ड के चेयरमैन के तौर पर बिहार यात्रा पर निकले उपेंद्र कुशवाहा (Upendra Kushwaha) के बयान ने राज्य में सियासी हलचल तेज कर दी है. दरअसल, बिहार यात्रा के दूसरे चरण की शुरुआत उपेंद्र कुशवाहा (Upendra Kushwaha) ने रोहतास से की थी. यहां डेहरी ऑन सोन में JDU के कार्यकर्ताओं के बीच उपेंद्र कुशवाहा (Upendra Kushwaha) ने कहा कि राजनीति में विरोधियों से लड़ना आसान होता है. कुछ लोग होते हैं, जो दूसरी पार्टी में होते हैं, दूसरे धड़े में होते हैं और सामने से विरोध कर रहे होते हैं. ये लोकतंत्र की खूबसूरती है और अलग विचार की वजह से ऐसा होना भी चाहिए, लेकिन कुछ लोग हैं जो साथ रहकर, गठबंधन में रहकर विरोध करते हैं, उनसे लड़ना मुश्किल होता है. कुछ ऐसा ही हमारी पार्टी के साथ हुआ है.

इस बयान के बाद बिहार में सियासी बवाल शुरू हो गया है. इसको लेकर BJP नेताओं ने कहा कि उन्हें बताना चाहिए कि किसने गठबंधन में रहकर विरोध किया और ऐसे नेताओँ पर कार्रवाई होनी भी चाहिए. कई नेता ये कहने से भी नहीं चूके कि उन नेताओं का सम्मान नहीं होना चाहिए, जिन्होंने गठबंधन को हराने का काम किया. BJP नेताओं का इशारा मनजीत सिंह की शानदार तरीके से हुई घर वापसी की तरफ था.

विपक्ष ने कुशवाहा के बयान की आड़ में बिहार एनडीए को निशाने पर साधा है. आरजेडी ने कहा कि जब गठबंधन के साथी ही खंजर घोंप रहे हैं, तो आखिर JDU सत्ता से क्यों चिपकी हुई है? क्या पार्टी के वरिष्ठ नेता के इस तरह के बयान के बाद भी JDU केवल कुर्सी के मोह में BJP के साथ है.

इस बयान की पृष्ठभूमि भी है और इसका असर भी होने वाला है. दरअसल, विधानसभा चुनाव के वक्त से ही JDU और BJP के रिश्ते उतार-चढ़ाव वाले रहे हैं. पहले सीट बंटवारे को लेकर दोनों दलों के बीच में तनातनी देखने को मिली थी. टकराव इतना बढ़ा था कि दोनों दलों के कई प्रमुख नेताओं को टिकट से वंचित रहना पड़ा था. इसके बाद फिर मोदी कैबिनेट में दोबारा शामिल होने और एक ही मंत्री पद मिलने पर दोनों पार्टियों के बीच तनाव देखने को मिला था. LJP को लेकर भी विधानसभा चुनाव के दौरान BJP का जो रूख था, उसने भी JDU को हैरान किया. इसके अलावा कोर मुद्दों पर दोनों पार्टियों के बीच असहमित भी एक बड़ा कारण है.

कुशवाहा का बयान और उसपर आई प्रतिक्रिया के बाद अब ये बहस शुरू हो गई है कि क्या बिहार एनडीए में सबकुछ ठीक है? क्या आने वाले वक्त में बिहार के सियासी समीकरणों में कोई बदलाव देखने को मिल सकता है. ये ऐसे सवाल हैं जिनका जवाब भविष्य के गर्भ में छिपा हुआ है.

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