सीएए और एनआरसी के खिलाफ पिछले दिनों लखनऊ में हुई हिंसा के बाद योगी सरकार ने उपद्रवियों की पहचान कर 57 आरोपियों के पोस्टर पूरे शहर के मुख्य चौराहों पर लगाए थे। जिस पर इलाहाबाद हाईकोर्ट ने आपत्ती जताई थी, और उत्तर प्रदेश की योगी सरकार को पोस्टर हटाने के निर्देश जारी किए गए थे। इस मामले पर यूपी की योगी सरकार ने इलाहाबाद हाईकोर्ट के इस आदेश को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी। जिस पर आज सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होनी है। सुनवाई के बाद ही तय होगा कि सभी 57 आरोपियों के पोस्टर हटाए जाएंगे या नहीं।
दरअसल इलाहाबाद हाई कोर्ट ने बीते सोमवार को ही यूपी सरकार को लखनऊ हिंसा में लिप्त आरोपियों के पोस्टर को हटाने का आदेश दिया था। जिसके मुताबिक लखनऊ के जिलाधिकारी और पुलिस कमिश्नर को 16 मार्च तक ऐसे सभी होर्डिंग्स और पोस्टरों को हटाने के आदेश जारी किए गए थे। साथ ही इसकी जानकारी रजिस्ट्रार को देंने की भी बात कही गई थी। आपको बता दें राजधानी लखनऊ के कई मुख्य चौराहों पर पर करीब 57 उपद्रवियों के 100 पोस्टर लगाए गए हैं। जिसका मकसद दंगे में जो भी सरकारी संपत्ती का नुकसान हुआ है उसकी वसूली की जा सकी।

