दिल्ली-एनसीआर में चल रहे Farmer Protest के कारण Punjab-Haryana के किसान अपने खेतों में समय नहीं दे पा रहे हैं. इसको देखते हुए अब यह Farmer लाखों रुपये खर्च कर पूर्वी उत्तर प्रदेश, बिहार और नेपाल से Laborers को बुला रहे हैं। Farmer मजदूरों को अपने निजी खर्चे पर तो बुला रहे ही हैं। साथ में उनका Corona टेस्ट भी करवा रहे हैं।
बता दें कि Punjab-Haryana के किसान दिल्ली में कृषि कानून बिल के विरोध में प्रदर्शन करने में व्यस्त हैं। अधिक से अधिक किसान और मजदूर इस प्रदर्शन में शामिल हैं, इससे वहां की खेती प्रभावित हो रही है। ऐसे में अब बिहार के कई जिलों के मजदूरों को विशेष तौर पर Punjab-Haryana में लाया जा रहा है। बीते कुछ दिनों में बिहार से कई जिलों और सीमावर्ती देश नेपाल से हजारों मजदूर Punjab-Haryana के लिए रवाना हुए हैं।
लाखों खर्च कर बुलाए जा रहें बिहार से मजदूर
लॉकडाउन के दौरान धक्के खाकर, ट्रकों पर लदकर और पैदल घर लौटे मजदूरों को अब पहले से अधिक पारिश्रमिक व सुविधाओं का प्रलोभन देकर पंजाब, हरियाणा और दिल्ली भेजा जा रहा है। बिहार के कई जिलों से हर रोज हजारों की संख्या में मजदूर बसों में लदकर Punjab-Haryana पहुंच रहे हैं।
हर दिन बिहार से कई बसें जा रही हैं पंजाब-हरियाणा
बीते बुधवार की रात को समस्तीपुर से एक बस 100 से अधिक मजदूरों को लेकर पंजाब रवाना हुई है। इसी तरह मुजफ्फरपुर और सीतामढ़ी से भी बसें मजदूरों को लेकर रवाना हो रही हैं। समस्तीपुर के विभुतिपुर प्रखंड के सांखमोहन गांव के दुखा सहनी ने बताया कि उसके पास पिछले कई दिनों से एक एजेंट आ रहा था, जिसने 15 हजार रुपये के साथ-साथ रहने और खाने का फ्री बंदोबस्त करने का वायदा किया था। हम लोग नौ आदमी, जिसमें तीन महिलाएं हैं वो अब पंजाब जा रहे हैं।
लॉकडाउन के बाद मजदूरों की चांदी
बता दें कि लॉकडाउन के दौरान पिछले वर्ष हजारों अप्रवासी मजदूर बिहार के कई जिलों में वापस अपने घर लौट आए थे। इन मजदूरों से पता चला है कि राज्य में 100 से अधिक एजेंट घूम रहे हैं। यह लोग अपना ऑफिस खोलकर मजदूरों को Punjab-Haryana भेज रहे हैं। बिहार के कई जिलों से हर रोज तकरीबन 10-15 बसें दिल्ली-एनसीआर, Punjab-Haryana के रवाना हो रहे हैं। खासकर मधुबनी, सीतामढ़ी जिले के बॉर्डर इलाके से लंबी दूरी की यह बसें खुल रही हैं।
दरअसल पिछले नौ महीने से ज्यादा समय से दिल्ली की सीमाओं पर जारी किसान आंदोलन के कारण Punjab-Haryana में मजूदरों की कमी हो गई है। अब खेतों में धान की कटाई के लिए इन दोनों राज्यों के किसान बिहार और उत्तर प्रदेश गए मजदूरों को बसें भेजकर वापस बुला रहे हैं। बिहार के मधुबनी, सीतामढ़ी, छपरा, पूर्णिया, मोतिहारी सहित अन्य जगहों के अलावा उत्तर प्रदेश के पीलीभीत, मीरजापुर, जौनपुर सहित अन्य जिलों से मजदूरों को वापस लाया जा रहा है। बिहार जाकर इन मजदूरों को लाने में एक बस का खर्च दो लाख रुपये से ज्यादा पड़ रहा है। वहीं, UP से एक लाख से डेढ़ लाख का खर्च बैठ रहा है।