आगामी विधानसभा चुनाव (UP Assembly Election 2022) में दलित वोट बैंक को साधने के लिए अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) ने समाजवादी बाबा साहेब वाहिनी (Samajwadi Baba Saheb Vahini) का गठन कर दिया है. अखिलेश यादव ने हाल ही में बसपा छोड़कर सपा में शामिल होने वाले मिठाई लाल भारती को इसका राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाया है. उन्होंने मिठाई लाल भारती से जल्द से जल्द वाहिनी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी का गठन करने को कहा है. माना जा रहा है कि समाजवादी बाबा साहेब वाहिनी की मदद से अखिलेश यादव दलित वोटरों में अपनी पैठ बनाना चाहते हैं.
गौरतलब है कि इसी साल अप्रैल में अखिलेश यादव ने ट्वीट कर बाबा साहेब वाहिनी के गठन का ऐलान किया था. हालांकि इसके गठन में कुछ देरी हुई. उन्होंने ट्वीट करते हुए लिखा था कि ‘अखिलेश यादव ने इस साल अप्रैल में ट्वीट कर कहा था कि संविधान निर्माता आदरणीय बाबा साहेब डॉ. भीमराव अम्बेडकर जी के विचारों को सक्रिय कर असमानता व अन्याय को दूर करने और सामाजिक न्याय के समतामूलक लक्ष्य की प्राप्ति के लिए, हम उनकी जयंती पर जिला, प्रदेश व देश के स्तर पर सपा की बाबा साहेब वाहिनी के गठन का संकल्प लेते हैं.’
दरअसल अखिलेश यादव की मंशा अब पिछड़ों के साथ दलित वोटरों को भी साधने की है. 2019 के लोक सभा चुनाव में बसपा से गठबंधन के बावजूद जैसी उम्मीद थी कि दलित वोट सपा प्रत्याशियों के पाले में जाएगा वैसा हुआ नहीं. यह बात कई सपा नेता भी कह चुके हैं. लिहाजा अब इस नई वाहिनी से समाजवादी पार्टी बसपा के वोट बैंक में सेंधमारी करने की कोशिश में है.

