दिल्ली पुलिस ने दंगों के मामले में तीन आरोपियों के खिलाफ रविवार को 200 पन्नों की सप्लीमेंट्री चार्जशीट दायर कर दी। इनमें दो प्रमुख आरोपी उमर खालिद और शरजील इमाम हैं। दोनों दिल्ली स्थित जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय (JNU) के स्टूडेंट रह चुके हैं। दोनों पर उत्तर पूर्व दिल्ली में दंगों की साजिश रचने का बेहद संगीन आरोप है।
चार्जशीट के मुताबिक, खालिद ने बाहर से ही दंगों को अंजाम दिलाया जिनमें 53 लोगों की जान चली गई। इसमें कहा गया है कि खालिद अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप के भारत दौरे के दौरान दंगे भड़काना चाहता था ताकि अंतरराष्ट्रीय मीडिया कवरेज मिले जिससे ‘अल्पसंख्यक विरोधी’ नागरिकता (संशोधन) कानून को वापस लेने का दबाव बन सके। इस केस में अब तक 21 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है।
सितंबर में दायर पहले और प्रमुख आरोप पत्र में 15 लोगों पर कई आपराधों को अंजाम देने के आरोप लगाए गए। इसमें बताया गया कि दंगे के लिए किस तरह की साजिश रची गई और योजना को अंजाम दिया गया। 28 अक्टूबर को दिल्ली सरकार ने खालिद और इमाम के खिलाफ UPA के तहत मुकदमा चलाने की अनुमित दे दी जिसके बाद 22 नवंबर को दूसरा या पूरक आरोप पत्र दायर किया गया।
कड़कड़डूमा कोर्ट के स्पेशल जज अमिताभ रावत की अदालत में पूरक आरोप पत्र दाखिल किया गया। इसमें दिल्ली दंगों में उमर खालिद और शरजील इमाम की भूमिका का विस्तृत विवरण दिया गया है। आरोप पत्र में उनके साथी फैज खान का भी नाम है। पुलिस बाकी 3 आरोपियों के खिलाफ एक महीने के अंदर दूसरा पूरक आरोप पत्र दाखिल कर सकती है।
पुलिस का दावा है कि JNU स्टूडेंट्स यूनियन का पूर्व लीडर उमर खालिद ने उत्तर पूर्व दिल्ली के चांद बाग में कथित तौर पर ‘गुप्त कार्यालय’ बना रखा था जहां से वो कथित तौर पर दूसरे साजिशकर्ताओं के साथ देर रात में मीटिंग करता था। चांद बाग वही इलाका है जहां पहले चरण के दंगे के दौरान भारी हिंसा फैली और बड़ी संख्या में पुलिसकर्मियों पर हमले हुए। इन्हीं हमलों में हेड कॉन्स्टेबल रतन लाल की जान चली गई।
स्पेशल सेल ने अपनी रिपोर्ट में कहा था कि केंद्रीय कैबिनेट ने CAA को संसद में पेश करने की जैसी ही मंजूरी दी, खालिद पूरे देश में समान सोच वाले लोगों के साथ संपर्क कर प्लानिंग में जुट गया। उसने शरजील इमाम के जरिए मुस्लिम स्टूडेंट्स ऑफ जेएनयू (MSJ) नामक समूह बनाया। पुलिस ने कहा, ‘खालिद ने एमएसजे का इस्तेमाल दिसंबर 2019 में साउथ ईस्ट डिस्ट्रिक्ट में हिंसा भड़काने में किया जिसके बाद शाहीन बाग का धरना शुरू हो गया। उसके बाद उसने मौजूदा केंद्र सरकार से नफरत करने वालों का एक गठबंधन बनाने की योजना पर आगे बढ़ा और वॉट्सऐप पर दिल्ली प्रॉटेस्ट सपॉर्ट ग्रुप बन गया।’