सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने श्रमिकों की समस्याओं को लेकर BJP सरकार को घेरा है। उन्होंने कहा कि BJP सरकार के अदूरदर्शी निर्णयों और कामकाज में नियोजन व समन्वय के अभाव से Corona संकट के दौर में समस्याएं कम होने के बजाय बढ़ती जा रही है। सम्पन्न लोगों के लिए ट्रेन सुविधा और गरीबों को मंझधार में छोड़ देने की भाजपाई नीति के चलते लोगों में असंतोष और आक्रोश बढ़ रहा है। पीड़ित श्रमिक यह समझ गया है कि सरकार के पास न इलाज है न ही दवा, ऐसी सरकार पर भरोसा नहीं किया जा सकता है। BJP सरकार हर मुद्दे पर विफल रही हैं। सरकार की ना कोई नीति है और ना साफ नियत। चारो तरफ घोर अराजकता है।
उन्होंने कहा कि प्रतापगढ़ में प्रवासी मजदूरों को बस में बैठाते समय उनसे अभद्र व्यवहार किया गया। इसकी जितनी निंदा की जाए कम है। थके हारे, निराश व हताशा श्रमिकों का सम्मान नहीं कर सकते तो उनका अपमान न करें सरकार। आगरा मथुरा की सीमा में प्रवेश करने वाले आम नागरिकों और वाहन चालकों से रैपुरा चौकी पर पुलिस के द्वारा आवागमन के नाम पर धड़ल्ले से अवैध वसूली किए जाने की खब़रें मिल रही हैं। यहां से गुजरने वाले ट्रैक्टर से लेकर सब्जी लाने वाले तक को नहीं छोड़ा जा रहा है। गरीब इलाज के लिए तरस रहा है। कहां बैठी है CM-टीम 11? अलीगढ़ मेडिकल कालेज के बाहर तड़पती रही Corona पॉजिटिव। आगरा जिला महिला अस्पताल में स्ट्रेचर न मिलने पर गर्भवती को गोद में ले जाने को मजबूर। बरेली में 3 महीने से घायल महिला को इलाज नहीं होने पर SSP से गुहार लगाई।
अखिलेश ने कहा कि BJP सरकार श्रमिकों के हित की बात तो बहुत करती है। लेकिन 3 वर्ष के लिए श्रमिकों के अधिकार स्थगित करना क्या संवैधानिक है? दूसरे राज्यों से घर वापसी करते हुए रास्ते में सैकड़ों की मौत हो चुकी है। वहीं कई बीमार है। सरकार क्या कर रही है? जनता कर्फ्यू से ताली-थाली बजाओं, Lockdown फिर Lockdown 3 बार Lockdown, दो गज की दूरी और घर में रहे नतीजा-सरकार ने हाथ खड़े कर दिए हैं। अब तो जनता ही Corona से दो-दो हाथ कर इस संक्रमण को मात देगी।