मकर संक्रान्ति और नहावन के मौके पर गंगा नदी से लेकर और भी सभी छोटी-बड़ी नदियों से श्रद्धालुओं की भीड़ जमा रहती हैं। वहीं भक्त इस दिन नहावन के चक्कर में नाव पर सवार होते हैं। कई बार नाव पर क्षमता से ज्यादा लोग सवार हो जाते हैं तो उसके डूबने से लोगों की मौत भी हो जाती है। ऐसे में इस बार मकर संक्रांति के मौके पर प्रशासन ने सख्ती बरतने के निर्देश दिए हैं।
14 जनवरी 2017 को पटना के दियारा इलाके में मकर संक्रांति मनाने गए लोग लौटते समय नाव हादसे का शिकार हो गए थे। 25 लोगों की नाव में क्षमता से अधिक लोगों के बैठ जाने से नाव में बैठे लोगों की डूबने से मौत हो गई थी।
ऐसे में जिला पदाधिकारी कुमार रवि ने इस साल मकर संक्रान्ति के अवसर पर विधि-व्यवस्था और गंगा नदी के घाटों पर सुरक्षा व्यवस्था किए जाने के अधिकारियों को महत्वपूर्ण निर्देश दिए हैं। जिलाधिकारी ने कहा कि इस साल मकर संक्रान्ति का पर्व 14 और 15 जनवरी को मनाया जाएगा। बता दें कि मकर संक्रान्ति के अवसर पर गंगा नदी और अन्य नदियों, तालाबों में स्नान करने के लिए घाटों पर श्रद्धालुओं की काफी संख्या में भीड़ जमा होती है।
जिलाधिकारी ने निर्देश दिया कि इस साल मकर संक्रान्ति के अवसर पर गंगा नदी और अन्य नदियों के घाटों पर नाव, नाविकों और गोताखोरों को लाईफ जैकेट के साथ तैनात किया जाएगा। इसके साथ ही उन्होंने निर्देश दिया कि गंगा नदी और अन्य नदियों में निजी नाव चालकों पर प्रभावी ढंग से रोक लगाई जाए। जिलाधिकारी ने प्रधान सचिव और आपदा प्रबंधन विभाग को इस पर्व पर एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की नियुक्ति करने का भी अनुरोध किया है।
वहीं उन्होंने हल्दी छपरा घाट, मनेर पाटीपुल दीघा घाट, नासरीगंज घाट, कृष्णा घाट, गांधी घाट, लॉ कॉलेज घाट, गायघाट और भद्र घाट पर किसी भी आपदा से निपटने के लिए एनडीआरएफ और एसडीआरएफ के 40 मोटरवोट डीप गोताखोर को तैनात करने की बात कही है।