भारत की लोकतांत्रिक प्रक्रिया में कथित तौर पर दखल देने और राजनीतिक पूर्वाग्रह के आरोपों में घिरे Facebook ने कांग्रेस पार्टी के सवालों का जवाब दिया है। Facebook ने कांग्रेस को भेजे अपने जवाब में कहा है कि वह एक निष्पक्ष मंच है और सभी तरह की घृणा और कट्टरता को खारिज करता है। वह ऐसा मंच बने रहने की कोशिश करता है जहां लोग खुलकर अपनी भावनाओं का इजहार कर सकें।
कांग्रेस के जवाब में Facebook ने एक पत्र जारी करते हुए कहा है कि वह उच्चतम स्तर की ईमानदारी को बनाए रखने को वह प्रतिबद्ध है। फेसबुक के निदेशक नील पॉट्स ने पत्र में कहा है कि Social Media कंपनी ने कांग्रेस के भेदभाव के आरोपों को गंभीरता लिया है। Facebook ने कहा है कि वह भविष्य में भी सुनिश्चित करेगा कि निष्पक्ष बना रहे।
मालूम हो कि कांग्रेस ने Facebook के CEO मार्क जुकरबर्ग को पत्र लिखकर आरोप लगाया कि Social Media कंपनी की भारतीय शाखा देश की लोकतांत्रिक प्रक्रिया और सामाजिक तानेबाने में दखल दे रही है। कांग्रेस ने Facebook पर गंभीर आरोप लगाया था कि नफरत भरे भाषण के नियमों के संदर्भ में सत्तारूढ़ भाजपा के सदस्यों के प्रति सोशल मीडिया कंपनी का रुख नरम है।
बीते दिनों कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने अमेरिकी अखबार वॉल स्ट्रीट जर्नल की रिपोर्ट का हवाला देते हुए सरकार और Social Media कंपनी पर हमला बोला था। बाद में कांग्रेस ने जुकरबर्ग को लिखे पत्र में खबरों में Facebook पर पक्षपात और BJP के साथ निकटता का आरोप लगाया था। पिछले कुछ दिनों से कांग्रेस Facebook की ओर से कथित भेदभाव के मसले को लगातार उठा रही है और केंद्र सरकार पर हमले बोल रही है।
दूसरी ओर केंद्रीय कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने भी जुकरबर्ग को तीन पेज का पत्र लिखा था। उन्होंने कहा था कि Facebook के कर्मचारी चुनावों में लगातार हार का सामना करने वाले लोगों का समर्थन कर रहे हैं। उन्होंने यह भी आरोप लगाया था कि Facebook इंडिया टीम में बैठे लोग पक्षपात के मामलों की शिकायत के बावजूद कोई जवाब नहीं देते हैं।