नीतीश से मिले तेजस्वी, ‘ये मुलाकात एक बहाना है’

बिहार की राजनीति में मंगलवार का दिन उठापटक और चौंकाने वाला रहा। विधानसभा में CM नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar) के चैंबर में तेजस्वी यादव की राजनीतिक मुलाकात ने बिहार की राजनीति में उठापटक मचा दी है। इस मुलाकात के कई मायने भी निकाले जा रहे हैं तो वहीं इस मुलाकात के बाद लालू प्रसाद यादव भी चर्चा में छाए हुए हैं।

बजट सत्र के दौरान NRC-NPR पर कार्यस्थगन प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान CM नीतीश कुमार ने विधानसभा में विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव को समझाया कि उन्हें क्या बोलना चाहिए और क्या नहीं? पहले विपक्ष के नेता तेजस्वी ने CM पर अविश्वास व्यक्त करते हुए कहा कि हमें आपकी बातों पर भरोसा नहीं है। इस क्रम में तेजस्वी ने 2015 के विधानसभा चुनाव में JDU और RJD के बीच हुए गठबंधन और उसके बाद BJP के साथ चले जाने की घटना की चर्चा की।

इसके बाद नीतीश ने तेजस्वी से कहा कि ‘आपको तो कुछ भी नहीं बोलना चाहिए। इन बातों की चर्चा का अधिकार आपके पिताजी (लालू प्रसाद) को है।’ CM ने फिर प्यार से उन्हें बैठने को कह दिया – ‘बैठिए। बैठो।’ तेजस्वी ने भी उनका सम्मान किया और चुपचाप बैठ गए। सभी लोग देख रहे थे, किसी को ये बात अच्छी लगी तो किसी को नहीं भायी। इसके साथ ही नीतीश कुमार ने लालू का नाम क्या लिया? लालू यादव की चर्चा भी हो रही।

नीतीश से तेजस्वी की मुलाकात भी चर्चा में आ गई है। मुख्यमंत्री बजट भाषण सुनने के लिए सदन में जाने ही वाले थे कि उसी वक्त RJD नेता ललित यादव पहुंचे और CM की कुर्सी के पास जाकर यह कहा कि नेता प्रतिपक्ष उनसे मिलने आना चाहते हैैं। CM की सहमति के तुरंत बाद तेजस्वी वहां पहुंच गए। साथ में अब्दुल बारी सिद्दीकी और विजय प्रकाश भी थे। तेजस्वी और CM अंदर कमरे में चले गए। नेता प्रतिपक्ष ने वहां अब्दुल बारी सिद्दीकी को भी बुला लिया। पांच मिनट की चर्चा के बाद तेजस्वी वहां से निकल गए।

करीब तीन साल बाद मंगलवार CM नीतीश कुमार और नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव की इस तरह की मुलाकात हुई। कहा जा रहा है कि तेजस्वी ने CM से कहा कि जब आप खुले मंच से NRC का विरोध पहले ही कर चुके हैं तो NPR के साथ NRC के खिलाफ प्रस्ताव भी आज ही पारित कराई जाए। तेजस्वी की इसपर नीतीश कुमार ने तुरंत अपनी रजामंदी भी दे दी और फिर वही हुआ जो जो सबके सामने है। इसके बाद जैसे ही सदन की कार्यवाही फिर से शुरू हुई तो ये दोनों प्रस्ताव सर्वसम्मति से पारित कर लिए गए। इसपर हालांकि BJP के कुछ नेताओं ने आपत्ति भी जतायी कि हमें यह बताया नहीं गया।

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