राष्ट्रीय शिक्षक दिवस की शुरुआत 1962 में हुई. प्रख्यात शिक्षाविद्, दार्शनिक और विद्वान डॉ.सर्वपल्ली राधाकृष्णन का जन्म 5 सितंबर 1888 को तमिलनाडु के तिरुत्तनी में हुआ था.बाद में वह भारत के पहले उप-राष्ट्रपति (1952-1962) और दूसरे राष्ट्रपति (1962-1967)बने.वह एक उत्कृष्ट शिक्षक भी थे जिन्होंने कोलकाता विश्वविद्यालय और ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय जैसे प्रतिष्ठित संस्थानों में पढाया था.जब 1962 में डॉ.राधाकृष्णन राष्ट्रपति बने, तो उनके कुछ पूर्व छात्रों और मित्रों ने उनके जन्मदिन को भव्य रूप से मनाने का प्रस्ताव रखा लेकिन डॉ. राधाकृष्णन ने इस विचार को विनम्रतापूर्वक ठुकराते हुए कहा कि उनके जन्मदिन को व्यक्तिगत उत्सव के रूप में मनाने के बजाय, इसे शिक्षकों के सम्मान में समर्पित किया जाए. उन्होंने सुझाव दिया कि 5 सितंबर को शिक्षक दिवस के रूप में मनाया जाए, ताकि देशभर के शिक्षकों के योगदान को मान्यता दी जा सके. तभी से भारत में 5 सितंबर को राष्ट्रीय शिक्षक दिवस के रूप में मनाया जाने लगा.
डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन का योगदान
डॉ. राधाकृष्णन एक ऐसे शिक्षक थे जिन्होंने भारतीय दर्शन को विश्व स्तर पर पहचान दिलाई. उन्होंने मद्रास क्रिश्चियन कॉलेज से दर्शनशास्त्र में शिक्षा प्राप्त की और लगभग 40 वर्षों तक एक शिक्षक के रूप में कार्य किया.वह अपनी शिक्षण शैली के कारण छात्रों के बीच काफी लोकप्रिय थे. 1954 में उन्हें भारत के सर्वोच्च नागरिक सम्मान, भारत रत्न से सम्मानित किया गया. इसके अलावा उन्हें 27 बार नोबेल पुरस्कार के लिए नामांकित किया गया था.डॉ.राधाकृष्णन का मानना था कि शिक्षा केवल ज्ञान प्रदान करने तक सीमित नहीं है, बल्कि यह व्यक्तित्व निर्माण और समाज के विकास का आधार है.
शिक्षक दिवस का महत्व
शिक्षक दिवस न केवल शिक्षकों के प्रति आभार व्यक्त करने का अवसर है, बल्कि यह समाज में उनकी भूमिका को रेखांकित करने का भी एक माध्यम है. भारतीय संस्कृति में गुरु-शिष्य परंपरा प्राचीन काल से महत्वपूर्ण रही है.शिक्षक न सिर्फ ज्ञान देते हैं, बल्कि जीवन के नैतिक मूल्यों, आत्मविश्वास और चुनौतियों से निपटने की क्षमता भी सिखाते हैं. यह दिन छात्रों को अपने शिक्षकों के समर्पण और मेहनत को समझने और उनकी सराहना करने का मौका देता है.इसके अलावा शिक्षक दिवस शिक्षा के क्षेत्र में नई पीढ़ी को प्रेरित करने और शिक्षण को एक सम्मानजनक पेशे के रूप में अपनाने के लिए प्रोत्साहित करने का भी अवसर है.
शिक्षक दिवस कैसे मनाया जाता है?
भारत में शिक्षक दिवस का उत्सव स्कूलों, कॉलेजों और अन्य शैक्षणिक संस्थानों में बड़े उत्साह के साथ मनाया जाता है.इस दिन कई तरह के कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं.छात्र नृत्य,नाटक,गीत और भाषण के माध्यम से अपने शिक्षकों के प्रति सम्मान व्यक्त करते हैं.छात्र अपने शिक्षकों को फूल, कार्ड और छोटे-मोटे उपहार देकर उनका आभार प्रकट करते हैं.हर साल इस दिन भारत के राष्ट्रपति द्वारा उत्कृष्ट शिक्षकों को राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार से सम्मानित किया जाता है.