Rajya Sabha Chairman M Venkaiah Naidu

माफी मांगेंगे निलंबित राज्यसभा सांसद, सभापति वैंकेया नायडू से करेगें मुलाकात: सूत्र

संसद के शीतकालीन सत्र (ParliamentWinter Session) के पहले दिन ही जमकर शोर शराबा देखने को मिला। सत्र के पहले दिन सभापति एम वेंकैया नायडू ने 11 अगस्त को राज्य सभा में हंगामा करने वाले सांसदों के खिलाफ बड़ा एक्शन लिया। सभापति ने 12 सांसदों को निलंबित कर दिया। अब सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार सभी निलंबित सांसद (Suspended MPs of Rajya Sabha ) कल मंगलवार को राज्यसभा के सभापति वेंकैया नायडू (M Venkaiah Naidu) से मुलाकात कर सकते हैं।

बता दें कि निलंबित सांसदों (12 MP Suspension News) में छह सांसद कांग्रेस के, दो दो सांसद टीएमसी और शिवसेना के जबकि सीपीएम और सीपीआई के एक एक सांसद हैं। सभापति द्वारा की गई इस कार्रवाई पर विपक्षी दलों ने कड़ी आलोचना भी व्यक्त की। कई सांसदों ने आरोप लगाया कि सभापति वही कर रहे हैं जो पीएम मोदी चाहते हैं। राज्यसभा सभापति ने 12 सांसदों को इस पूरे सत्र से निलंबित किया था इसका मतलब साफ था कि ये सांसद संसद की कार्रवाई में भाग नहीं ले सकते थे।

मानसून सत्र के दौरान 11 अगस्त को संसद में इंश्योरेंस बिल को लेकर जमकर हंगामा मचा। कई सांसद टेबल पर भी चढ़े. सदन के अंदर तनाव इतना बढ़ गया था कि मार्शल्स बुलाने पड़े थे। सांसदों के इस हंगामें के बाद उप राष्ट्रपति वेंकैया नायडू ने कहा कि सदन में जो कुछ भी हुआ उसने लोकतंत्र के मंदिर को पूरी तरह से अपवित्र कर दिया है।

अब जब सदन में शीतकालीन सत्र की शुरुआत हुई तो सभापति ने अगस्त पर हुए हंगामें पर बड़ा एक्शन लेते हुए इसमें शामिल सभी सांसदों को पूरे सत्र से निलंबित कर दिया।

सदन की तरफ से सांसदों पर हुई इस कार्रवाई पर कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मल्लिकार्जुन खड़ने ने प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि निरंकुश सरकार ने सांसदों में डर पैदा करने के लिए ऐसा कदम उठाया है। उन्होंने कहा कि 2 सांसदों के खिलाफ कार्रवाई के लिए प्रस्ताव लाना पूरी तरह से अवैध, गलत और नियमों के खिलाफ है। उन्होंने कहा कि विपक्ष आगे की कार्रवाई पर चर्चा के लिए कल बैठक करेगा। कांग्रेस नेता ने कहा कि अगर दूसरों के लिए आवाज उठाने वालों की आवाज दबाई जाती है, तो यह लोकतंत्र का गला घोंटने जैसा है।

ये सांसद किए गए निलंबित
बता दें कि जिन राज्यसभा सांसदों को सदन से निलंबित किया गया है उसमें मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के इलामारम करीम (Elamaram Kareem), कांग्रेस की फूलों देवी नेताम (Phulo Devi Netam), छाया वर्मा, रिपुन बोरा, राजमणि पटेल, सैयद नासिर हुसैन ( Syed Nasir Hussain), अखिलेश प्रताप सिंह (Akhilesh Prasad Singh), तृणमूल कांग्रेस की डोला सेन (Dola Sen) और शांता छेत्री (Shanta Chhetri), शिव सेना की प्रियंका चतुर्वेदी (Priyanka Chaturvedi ) और अनिल देसाई (Anil Desai) तथा भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के विनय विस्वम शामिल हैं।

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