सोशल मीडिया प्रोफाइल और आधार डेटाबेस को इंटरलिंक करने से संबंधित विभिन्न हाईकोर्ट में लंबित याचिकाओं पर सुनवाई अब सुप्रीम कोर्ट में होगी। सुप्रीम कोर्ट ने सभी लंबित मामलों को हाईकोर्ट से ट्रांसफर कर लिया है। सुप्रीम कोर्ट अब इस मामले की सुनवाई जनवरी में करेगा
वहीं इस मामले की सुनवाई के दौरान केंद्र ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि सरकार नागरिकों की गोपनीयता पर हमला करने के लिए नहीं है, लेकिन गोपनीयता को राष्ट्रीय हित और संप्रभुता के साथ संतुलित होना चाहिए। सरकार की ओर से पेश सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कोर्ट से कहा कि कोई भी मध्यस्थ यह नहीं कह सकता कि निजता की आड़ में आतंकवादी गतिविधियों को संरक्षण दिया जा सकता है।
तमिलनाडु की तरफ से पेश हुए अटॉर्नी जनरल के.के.वेणुगोपाल ने उच्च न्यायालओं में लंबित सभी मामलों को उच्चतम न्यायालय में स्थानांतरित किए जाने संबंधी फेसबुक की याचिका का विरोध छोड़ा।
गौरतलब है कि पिछले महीने सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि सोशल मीडिया प्रोफाइल को आधार कार्ड से जोड़ने के मुद्दे पर जल्द फैसला लेने की जरूरत है। जस्टिस दीपक गुप्ता और अनिरुद्ध बोस की पीठ ने कहा था, ‘इस समय हमें मालूम नहीं कि इस मुद्दे पर हम निर्णय कर सकते हैं या फिर उच्च न्यायालय। पीठ इस मामले के गुण-दोष पर गौर नहीं करेगी। वह सिर्फ मद्रास, बंबई और मध्य प्रदेश उच्च न्यायालयों में लंबित ऐसे मामलों को शीर्ष अदालत में स्थानांतरित करने की फेसबुक की याचिका पर निर्णय लेगी।’